अफगानिस्तान में लड़कियों और महिलाओं के यूनिवर्सिटी बैन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने सख्त नाराजगी जाहिर की है. संयुक्त राष्ट्र अफगानिस्तान में महिलाओं को निशाना बनाने वाली तालिबान सरकार की नीतियों की कड़ी निंदा करते हुए यह रोक तुरंत हटाने की बात कही है. याद रहे कि तालिबान ने पिछले सप्ताह ही महिलाओं के विश्वविद्यालय में भाग लेने और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओज़) के लिए काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया था.
15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने कहा कि वह अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा पर बढ़ते प्रतिबंधों से “बेहद चिंतित” है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि यह प्रतिबंध तुरंत “निरस्त किए जाने चाहिए.” परिषद द्वारा जारी एक बयान में “अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के पूर्ण, समान और सार्थक भागीदारी” का भी तालिबान सरकार से आह्वान किया गया है.
संयुक्त महासचिव गुटेरेस ने तालिबान से “स्कूलों को फिर से खोलने और इन नीतियों और रवायतों को तेजी से उलटने का आग्रह किया है.” महासचिव गुटेरेस ने कहा कि महिलाओं पर लगाया गया प्रतिबंध “अनुचित और मानव अधिकारों का उल्लंघन” है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “महिलाओं और लड़कियों को बाहर करने और चुप कराने की कार्रवाई से अफगान लोगों को भारी पीड़ा और बड़े झटके का सामना करना पड़ रहा है.”
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं के लिए काम करने पर प्रतिबंध लगाने के बाद कम से कम पांच बड़े गैर सरकारी संगठनों (एनजीओज़) ने अफगानिस्तान में अपने काम को रोक दिया है. जिनमें केयर इंटरनेशनल, नॉर्वेजियन रिफ्यूजी काउंसिल (NRC) और सेव द चिल्ड्रन ने अपने एक बयान में कहा है कि वो “अपनी महिला कर्मचारियों के बिना” काम जारी नहीं रख सकते. इंटरनेशनल रेस्क्यू कमेटी ने भी अपनी सेवाओं को खत्म कर दिया है, जबकि इस्लामिक रिलीफ ने कहा कि वह अपना अधिकांश काम रोक रहा है.
बता दें कि तालिबान ने पिछले हफ्ते महिला शिक्षा पर प्रतिबंध को लेकर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में एक विरोध प्रदर्शन में भाग ले रही पांच महिलाओं को गिरफ्तार किया था. वहीं, तीन पत्रकारों को भी गिरफ्तार किया गया. महिलाओं को अन्य सार्वजनिक स्थानों के अलावा पार्कों और जिम में प्रवेश करने से भी रोका गया है.