गुजरात के मोरबी शहर में मच्छू नदी पर एक झूला पुल टूट कर गिरने के बाद सोमवार सुबह तक 141 शव बरामद किए गए, 180 लोगों को बचाया गया और अभी भी कई लोगों के लापता होने की आशंका है. पुलिस ने कहा कि तलाशी अभियान अगले 24 घंटे तक जारी रहने की संभावना है.
खबर के मुताबिक एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, नौसेना, स्थानीय दमकल टीमों, स्थानीय गोताखोरों और तैराकों के करीब 200 जवान तलाशी अभियान में लगे हुए हैं. राजकोट कलेक्टर अरुण महेश बाबू भी मोरबी में डेरा डाले हुए हैं और स्थानीय अधिकारियों के साथ खोज और बचाव कार्यों में मदद कर रहे हैं.
बता दें कि रिनोवेशन के बाद भी इतना बड़ा हादसा होने पर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. पिछले 7 महीने से इस पुल की मरम्मत चल रही थी. रिनोवेशन का काम एक ट्रस्ट ने किया था. काम पूरा होने के बाद 4 दिन पहले ही पुल खुला था. खबरों की मानें तो पुल की मरम्मत के काम में आठ करोड़ रुपये खर्च हुए. हादसे के बाद कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.
सवाल है कि पुल की क्षमता करीब 100 लोगों की थी तो कैसे 250 से ज्यादा लोग पहुंच गए ? सवाल ये भी है कि पुल पर पहुंचे लोगों को रोका क्यों नहीं गया ? नगर पालिका से फिटनेस प्रमाणपत्र मिले बिना ही हादसे से चार दिन पहले फिर से इस पुल को क्यों खोला गया ? चश्मदीदों के मुताबिक, पुल खोले जाने पर कर्मचारियों का ध्यान भीड़ पर नहीं था, वो ज्यादा से ज्यादा टिकट बेचने में लगे थे. क्या सिर्फ मुनाफे के लिए कंपनी ने क्षमता से ज्यादा टिकट बेचे ? सवाल ये भी है कि कंपनी को दोबारा पुल खोलने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला था. इसके बाद भी पुल खोलने का जोखिम क्यों लिया गया?
गुजरात सरकार ने मोरबी शहर में पुल गिरने की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. नगर पालिका आयुक्त राजकुमार बेनीवाल जांच पैनल का नेतृत्व करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि टीम का पहला काम निलंबन पुल के ढहने के कारण का पता लगाना और निष्कर्षो के आधार पर पता लगाना है. भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एसआईटी सुझाव भी देगी.
बता दें कि मोरबी में मच्छू नदी पर बने इस हैंगिंग ब्रिज (केबल पुल) का निर्माण ब्रिटिश काल में मोरबी राजवंश के शासन सर वाघाजी ठाकोर ने लगभग 150 साल पहले करवाया था, जिसकी लंबाई 233 मीटर थी और यह 4.6 फीट चौड़ी थी.
इस बीच बीजेपी की पुल गिरने पर सियासत नहीं करने की अपील पर लोग ट्वीटर पर बंगाल चुनाव से ठीक पहले कोलकाता में निर्माणधीन पुल गिरने पर पीएम मोदी के उस भाषण को याद दिला रहे हैं जिसमें पीएम मोदी ने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था, कि “ये एक्ट ऑफ़ गॉड नहीं, एक्ट ऑफ़ फ्रॉड है, ये एक्ट ऑफ़ गॉड उस हिसाब से तो ठीक है, क्योंकि चुनाव के समय में पुल गिरा ताकि पता चले कि आपने कैसी सरकार चलाई है, इसलिए भगवान ने लोगों को संदेश दिया है कि आज ये पुल टूटा है, और कल ये पूरा बंगाल खत्म कर देगी इसको बचाव, ये बागवान ने संदेश भेजा है.”