Sunday, September 8, 2024
होमताज़ातरीनमुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष और नदवतुल उलेमा के नाज़िम मौलाना...

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष और नदवतुल उलेमा के नाज़िम मौलाना राबे हसनी नदवी का निधन

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष और दारुल उलूम नदवतुल उलेमा के नाज़िम मौलाना सैयद मुहम्मद राबे हसनी नदवी का लंबी बीमारी के बाद आज लखनऊ में निधन हो गया. वो 94 वर्ष के थे. उन्हें सांस लेने में दिक्कत के बाद इलाज के लिए रायबरेली से लखनऊ लाया गया था, जहां नदवतुल उलमा में उन्होंने आखरी सांस ली. उनके परिवार में तीन बेटियां हैं.

याद रहे कि मौलाना राबे हसनी नदवी पिछले करीब 21 साल से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष थे. उनकी नमाज-ए-जनाजा जुमेरत को रात 10 बजे नदवा में पढ़ी गई और शुक्रवार सुबह आठ बजे रायबरेली में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.

उधर उनके निधन की खबर फैलते ही जहां मुस्लिम समुदाए शोक में डूब गया, साथ ही सियासी गलियारे से भी शोक संदेश आने शुरू हो गए. यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.

पार्टी महासचिव और यूपी कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी मौलाना राबे हसनी नदवी को श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने लिखा, “ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष हजरत मौलाना राबे हसनी नदवी जी के निधन का दुखद समाचार मिला. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दें. शोक संतप्त परिजनों एवं प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं. विनम्र श्रद्धांजलि.”

पूर्व सांसद और इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स के अध्यक्ष मुहम्मद अदीब ने मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि आज हमने अपना आध्यात्मिक संरक्षक खो दिया है. पहले मौलाना अली मियां साहब हमारे संरक्षक थे और फिर मौलाना राबे हसनी नदवी साहब हमारे संरक्षक रहे. मौलाना राबे हसनी नदवी, हजरत मौलाना अली मियां साहब के बाद आखिरी स्तंभ थे.

वेलफेयर पार्टी के अध्यक्ष डॉ. कासिम रसूल इलियास ने मौलाना के निधन को बड़ा सानेहा करार दिया है. उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि देश इस समय एक नाजुक दौर से गुजर रहा है, और मुस्लिम कौम पर चारों ओर से हमले हो रहे हैं, ऐसे समय में मौलाना राबे हसनी नदवी साहब का हमारे बीच से गुजर जाना किसी बड़े सानहे से कम नहीं है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments