प्रधानमन्त्री मोदी 6 और 7 जनवरी को दिल्ली में मुख्य सचिवों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस सम्मेलन में एमएसएमई, बुनियादी ढांचे, अनुपालन को कम करने, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास सहित 6 विषयों पर चर्चा होगी.
बता दें कि मुख्य सचिवों का ऐसा पहला सम्मेलन जून 2022 में धर्मशाला में आयोजित किया गया था. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान में कहा गया है कि इसमें केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों, मुख्य सचिवों और सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और डोमेन विशेषज्ञों के 200 से अधिक लोगों की भागीदारी होगी. बयान में आगे कहा गया कि यह सम्मेलन विकास और रोजगार सृजन और समावेशी मानव विकास पर जोर देने के साथ एक विकसित भारत प्राप्त करने के लिए सहयोगात्मक कार्रवाई के लिए आधार तैयार करेगा.
पिछले तीन महीनों में नोडल मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और डोमेन विशेषज्ञों के बीच 150 से अधिक भौतिक और आभासी परामर्श बैठकों में व्यापक विचार-विमर्श के बाद सम्मेलन का एजेंडा तय किया गया है.
विकसित भारत: रीचिंग द लास्ट माइल; माल और सेवा कर (जीएसटी) के पांच साल – सीख और अनुभव; और वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियां व भारत की प्रतिक्रिया जैसे विशेष सेशन भी आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा, वोकल फॉर लोकल; बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष; जी 20 : राज्यों की भूमिका; और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां जैसे चार विषयों पर विचार-विमर्श भी किया जाएगा.
इस सम्मेलन में प्रत्येक विषय के तहत राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की सर्वोत्तम प्रथाओं को भी प्रस्तुत किया जाएगा ताकि राज्य एक-दूसरे से सीख सकें. बता दें कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुसार, विकास के आधार के रूप में जिलों के विषयों पर मुख्य सम्मेलन से पहले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ तीन आभासी सम्मेलन भी आयोजित किए गए थे.