मानहानि में दो साल की सज़ा मिलने के एक दिन बाद शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी करके यह जानकारी दी है.
अधिसूचना में बताया गया है कि केरल की वायनाड लोकसभा सीट के सांसद राहुल गांधी को सज़ा सुनाए जाने के दिन यानी 23 मार्च, 2023 से अयोग्य करार दिया जाता है, और ऐसा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किया गया है.
इधर राहुल की सदस्यता रद्द होने के बाद उनसे कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने मुलाकात कर ताज़ा घटनाक्रम पर विस्तृत बातचीत की.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर लिखा है कि, “नीरव मोदी घोटाला- 14,000 करोड़, ललित मोदी घोटाला- 425 करोड़, मेहुल चोकसी घोटाला- 13,500 करोड़. जिन लोगों ने देश का पैसा लूटा, बीजेपी उनके बचाव में क्यों उतरी है? जांच से क्यों भाग रही है? जो लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं उन पर मुकदमे लादे जाते हैं. क्या बीजेपी भ्रष्टाचारियों का समर्थन करती है.”
राहुल की सदस्यता जाते ही विपक्षी नेताओं के बयान भी सामने आने लगे हैं. इस बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना में उद्धव गुट के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ‘अब चोर को चोर कहना गुनाह हो गया है’. उद्धव ठाकरे ने कहा है कि ‘लुटने वाले आजाद हैं और राहुल गांधी को सजा दी गई है. चोर को चोर कहना गुनाह हो गया है.’
इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, पीएम मोदी के न्यू इंडिया में विपक्षी नेता बीजेपी के निशाने पर हैं. जबकि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले बीजेपी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, विपक्षी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अयोग्य ठहराया जाता है. आज, हम संवैधानिक लोकतंत्र में एक नया निम्न स्तर देख रहे हैं.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि, “हम कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से इस लड़ाई को लड़ेंगे. हम भयभीत या चुप नहीं रहेंगे. पीएम से जुड़े अडानी मामले में जेपीसी जांच के बजाय, राहुल गांधी को अयोग्य करार दे दिया. भारतीय लोकतंत्र ओम शांति.”
याद रहे कि इससे पहले, राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने चार साल पुराने आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की सज़ा सुनाई थी. कोर्ट ने 15 हज़ार का जुर्माना भी लगाया, साथ ही सज़ा को 30 दिन के लिए स्थगित किया गया था, यानी राहुल गांधी के पास सज़ा के ख़िलाफ़ ऊपरी अदालत में अपील करने के लिए एक महीने का समय है.
साल 2019 का ये मामला ‘मोदी सरनेम’ को लेकर राहुल गांधी की एक टिप्पणी से जुड़ा हुआ है जिसमें उन्होंने नीरव मोदी, ललित मोदी और अन्य का नाम लेते हुए कहा था, “कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?”