Thursday, November 21, 2024
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भारत में मिसाइल परीक्षण से पहले चीन की बढ़ी बेचैनी

चीन की विस्तारवादी नीति पर ब्रेक लगाने के लिए भारत समेत दुनिया के कई देश मिलकर काम कर रहे हैं. लेकिन चीन को अभी सबसे ज्यादा चुनौती भारत ही दे रहा है. चीन भारत से कुछ ज्यादा ही परेशान है.

बंगाल की खाड़ी में भारत द्वारा लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण से पहले चीन की बेचैनी साफ दिखने लगी है. चीन का का जासूसी जहाज ‘युआन वांग 5’ हिंद महासागर क्षेत्र में दाखिल हो चुका है. यह जहाज विभिन्न निगरानी और खुफिया उपकरणों से लैस है. सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि बैलिस्टिक मिसाइल और सेटेलाइट निगरानी में सक्षम चीनी जहाज की आवाजाही पर भारतीय नौसेना नजर रखे हुए है.

ऑस्ट्रेलिया मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का पोत पहले मलयेशिया की तरफ बढ़ रहा था, पर जैसे ही मिसाइल परीक्षण के लिए नोटम (नोटिस-टू-एयरमैन) जारी हुआ, यह मुड़कर हिंद महासागर में पहुंच गया. मिसाइल परीक्षण से पहले संभावित अवरोध को रोकने के लिए नोटम जारी किया जाता है. भारत ने जो नोटम जारी किया है, उसमें 15-16 दिसंबर को 5400 किमी की रेंज का जिक्र है. इस सैन्य जासूसी पोत को लेकर चीन की सफाई है कि यह समुद्री शोध जहाज है.

भारतीय नौसेना ने बताया कि सैटेलाइट और टोही विमानों से चीनी जहाज पर नजर रखी जा रही है. भारतीय नौसेना ने कहा था, चीनी घुसपैठ नई बात नहीं है. लेकिन, नौसेना अपने रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.

समुद्री रास्तों की जानकारी रखने वाले पोर्टल मरीन ट्रैफिक के मुताबिक, युआन वांग-5 इंडोनेशिया की सुंडा खाड़ी से हिंद महासागर में घुसा है. यह अग्नि-3 मिसाइल की उड़ान के रास्ते के बेहद करीब मौजूद है.

अगस्त में हंबनटोटा बंदरगाह पर जहाज के ठहराव ने भारत और श्रीलंका के बीच राजनयिक विवाद उत्पन्न कर दिया था. ओपन सोर्स इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डेमियन साइमन ने ट्वीट किया, चीन का मिसाइल और उपग्रह निगरानी जहाज ‘युआन वांग 5’ हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर गया है. हिंद महासागर क्षेत्र में जासूसी जहाज की मौजूदगी की खबरों पर अब तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है.

निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार, भारत ने हाल में एक मिसाइल परीक्षण के बारे में नोटिस जारी किया है. यह स्पष्ट नहीं है कि चीनी जासूसी जहाज की मौजूदगी को देखते हुए भारत मिसाइल परीक्षण की योजना पर आगे बढ़ेगा या नहीं.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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