Friday, November 22, 2024
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पैगम्बर मोहम्मद (PBUH) पर टिप्पणी से ओआईसी नाराज, बीजेपी ने की अपने 38 नेताओं की पहचान

 

अखिलेश अखिल

जब पूरी दुनिया विज्ञान के चमत्कार के सामने नतमस्तक है वही भारत समेत दुनिया के कई देश आज भी जातीय और धार्मिक उन्माद को आगे बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ते. हालांकि किसी भी समाज में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ही कम होती है लेकिन इनके बयान समाज को खंडित जरूर करते है. कहा जा सकता है कि धर्म मौजूदा समय का एक बड़ा राजनीतिक अस्त्र हो गया है जिसके जरिये धार्मिक भावनाओं को आहात करके वोट की राजनीति को साधा जाता है. मौजूदा दौर में बीजेपी के कई नेता इस खेल बढ़ाने में सबसे आगे दिखते हैं.
पिछले दिनों बीजेपी के कुछ नेताओं ने पैगम्बर मोहम्मद (PBUH) के बारे में कई विवादित टिप्पणियां की. देश के मुसलमान बीजेपी के इस खेल को समझ रहे थे लेकिन जब मामला दुनिया के अन्य मुस्लिम देशों के सामने गया तो खेल पलट गया. खाड़ी के देशों के साथ भारत के सम्बन्ध काफी मजबूत रहे हैं लेकिन जब कोई किसी के इष्ट पर हमला करे तो सम्बन्ध सहज कैसे रहेंगे. भारत में पैगम्बर मोहम्मद (PBUH) पर किये गए हमले की गूंज खाड़ी देशो में भी पहुंची और खाड़ी देशों ने भारत के सामने न सिर्फ अपनी नाराजगी जताई बल्कि आयात – निर्यात पर भी असर पड़ने लगा है. भारत सहम सा गया है.
भारत को पता है कि दुनिया के मुस्लिम देशों में भारत की बड़ी आबादी रहती है. भारत सरकार को यह भी पता है कि भारत में धार्मिक खेल का असर मुस्लिम देशों में रह रहे भारतियों पर भी पडेगा. यही वजह है कि सबसे पहले बीजेपी ने अपने बाचाल प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को पार्टी से हटाया. लेकिन क्या इससे खाड़ी के देश खुश हो गए ? क्या मुस्लिम देशों की संस्था ओआईसी सहज हो गई ? सच तो यही है कि अगर भारत में बीजेपी धार्मिक खेल को बंद नहीं किया गया तो आने वाले समय में इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं. भारत की अर्थव्यवस्था पर इसके असर पड़ सकते हैं.
दुनिया भर में बीजेपी की हो रही जगहसाई के बाद बीजेपी ने धार्मिक भावनाएं आहत करने वाले अपने 38 नेताओं की पहचान की है. इनमें से 27 चुने हुए नेताओं को ऐसे बयान देने से बचने की हिदायत दी है. इनसे कहा गया है कि धार्मिक मुद्दों पर बयान देने से पहले पार्टी से परमीशन ले लें.
पैगम्बर मोहम्मद (PBUH) साहब पर विवादित टिप्पणी करने वाले नूपुर शर्मा और नवीन कुमार पर कार्रवाई के बाद बीजेपी एक्शन में दिख रही है. नेताओं के पिछले 8 साल (सितंबर 2014 से 3 मई 2022 तक) के बयानों को आईटी विशेषज्ञों की मदद से खंगाला गया है. करीब 5200 बयान गैर-जरूरी पाए गए. 2700 बयानों के शब्दों को संवेदनशील पाया गया. 38 नेताओं के बयानों को धार्मिक मान्यताओं को आहत करने वाली कैटेगरी में रखा गया.
याद रहे बीजेपी के कुछ नेता हेट स्पीच में सबसे आगे रहते हैं. इन नेताओं में शामिल है अनंत कुमार हेगड़े, शोभा करंदलाजे, गिरिराज सिंह, तथागत राय, प्रताप सिम्हा, विनय कटियार, महेश शर्मा, टी. राजा सिंह, विक्रम सिंह सैनी, साक्षी महाराज, प्रवेश साहब सिंह वर्मा, रमेश बिधूड़ी और संगीत सोम. इसके अलावा भी कई नेता हैं जिनकी औकात राजनीति में तो कुछ भी नहीं लेकिन अपने बड़बोले बयानात के सहारे ही वो बीजेपी में बने रहते हैं. लेकिन दोष इनका भी नहीं. बीजेपी को इन नेताओं से लाभ होता है. और देश में चाहे जो भी हालत हो जाए बीजेपी इन नेताओं का पोषण और संरक्षण करती रहती है. संघ के कई संगठन हेट स्पीच के लिए ही जाने जाते हैं.
पैगम्बर मोहम्मद साहब (PBUH) पर विवादित टिप्पणी के बाद अरब देशों में बायकॉट इंडिया सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रहा है. इस बीच कुवैत, कतर समेत कई अरब देशों के कुछ बड़े सुपर स्टोर्स ने भारत में बने सामानों की बिक्री पूरी तरह से रोक दी है. खाड़ी देशों खासकर कतर और कुवैत की सरकारों ने कहा है कि भारत में सत्ता में मौजूद पार्टी के नेताओं ने मुस्लिमों की भावनाओं को आहत किया है. इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. यूएई, सऊदी अरब, ओमान, जॉर्डन, ईरान, लीबिया, मालदीप, पाकिस्तान और इंडोनेशिया समेत दर्जनों देशों ने भी नुपुर शर्मा और नवीन कुमार के बयानों पर आपत्ति जताई है.
उधर, इस्लामिक सहयोग संगठन ने भारत की आलोचना करते हुए यूएन से मुसलमानों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की. इधर, भारत ने OIC के बयान को ‘संकीर्ण’ बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, कुछ लोगों की अमर्यादित टिप्पणी भारत सरकार के विचारों को प्रदर्शित नहीं करती है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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