Saturday, September 7, 2024
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पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद का बेटा असद और साथी गुलाम यूपी पुलिस के साथ एनकाउंटर में ढेर

पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और उसके साथी मुहम्मद गुलाम को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के जवानों ने झांसी में एक एनकाउंटर में मार गिराया है. बेटे असद के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर सुनकर अतीक की तबीयत कोर्ट रूम में ही बिगड़ गई. पहले वह खूब रोया और फिर चक्कर खाकर गिर पड़ा.

उमेश पाल हत्याकांड में पुलिस को इन दोनों अभियुक्तों की तलाश थी. इन दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम रखा गया था. पुलिस के अनुसार, यह ‘एनकाउंटर’ दो डिप्टी एसपी नवेंदु और विमल के नेतृत्व में अंजाम दिया गया.

पुलिस के अनुसार, असद की उम्र लगभग 20 साल थी. पुलिस का दावा है कि इन दोनों के पास से विदेशों में बने हथियार भी बरामद किए गए हैं. पुलिस का दावा है कि ये दोनों उमेश पाल की हत्या में शूटर्स थे. उनके मुताबिक़, सीसीटीवी में ये दोनों गोली चलाते हुए दिख रहे थे.

जहां अतीक अहमद के बेटे असद और उनके सहयोगी ग़ुलाम के ‘एनकाउंटर’ की सीएम आदित्यनाथ ने तारीफ़ की है. तो वही दूसरी तरफ अब इस एनकाउंटर को लेकर कई तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं.

 

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एनकाउंटर’ को फर्जी करार दिया है. उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा, “फर्जी एनकाउंटर करके बीजेपी सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाह रही है. भाजपाई न्यायालय में विश्वास ही नहीं करते हैं.” साथ ही एनकाउंटर की जांच कराने की भी मांग की है.

एनकाउंटर पर सांसद और एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सवाल उठाए हैं, ओवैसी ने कहा कि बीजेपी धर्म के नाम पर एनकाउंटर कर रही है. एमआईएम के सोशल मीडिया पर जारी किए गए एक वीडियो में ओवैसी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, “क्या बीजेपी उन लोगों को भी गोली मारेगी जिन्होंने जुनैद और नासिर को मारा है.”

उन्होंने कहा, “यहां कानून की धज्जियां उड़ रही हैं, तुम संविधान का एनकाउंटर करना चाहते हो, तुम कानून को कमज़ोर करना चाहते हो. फिर कोर्ट किस लिए है.. सीआरपीसी, आईपीसी किस लिए हैं, जज किस लिए हैं.”

“अगर तुम फैसला करोगे कि गोली से इंसाफ़ करोगे, तो बंद कर दो अदालतों को…आप पकड़ो मुजरिम को, कोई कत्ल करता है तो सज़ा दिलाओ मुजरिम को.”

गौरतलब है कि घटना की तस्वीरों और वीडियो में कथित मुठभेड़ वाले स्थान पर जमीन पर दो शव और उनके पास एक मोटरसाइकिल नजर आ रही है. बाद में एक एंबुलेंस से दोनों शवों को अस्पताल ले जाया गया.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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