Thursday, November 21, 2024
होमदेशनेहरू संग्रहालय का नाम अब होगा प्रधानमंत्री संग्रहालय

नेहरू संग्रहालय का नाम अब होगा प्रधानमंत्री संग्रहालय

अखिलेश अखिल

प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर संस्थानों के नाम बदलने की शुरुआत की है. अब देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित नेहरू संग्रहालय का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ कर दिया जाएगा. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री की ओर से 14 अप्रैल को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के जन्मदिन के मौके पर किया जाएगा.
अब तक नेहरू संग्रहालय में केवल भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़ी यादों को रखा गया है. पीएम के इस फैसले के बाद देश के 14 प्रधानमंत्रियों से जुड़ी यादों को अब इस संग्रहालय में जगह दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी ने भाजपा सांसदों के साथ बैठक में इस फैसले को लेकर कहा कि सरकार सभी प्रधानमंत्रियों के काम को इस संग्रहालय में जगह देगी.
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री ने भाजपा सांसदों के साथ बैठक में कहा कि सिर्फ एनडीए सरकार ने प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद रखने के लिए कदम उठाए हैं. इसके साथ पीएम ने सभी सांसदों को डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर संग्रहालय जाने के निर्देश भी दिए.

बाबासाहेब अंबेडकर संग्रहालय का भी उद्घाटन:

सरकार की ओर से भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर के सम्मान में 14 अप्रैल को उनके 131 वें जन्मदिवस पर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ के साथ ‘बीआर अंबेडकर संग्रहालय’ का भी उद्घाटन किया जाएगा.
नई दिल्ली के अंबेडकर सेंटर में चली इस पार्लियामेंट्री पार्टी बैठक में पीएम मोदी के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ भाजपा के सभी बड़े नेता शामिल हुए. इस बैठक में भाजपा के स्थापना दिवस के कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर भी फैसला हुआ. भाजपा द्वारा देश के अलग अलग हिस्सों में 6 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल बाबा अंबेडकर साहब के जन्मदिन तक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

अखिलेश अखिल
अखिलेश अखिल
पिछले 30 वर्षों से मिशनरी पत्रकारिता करने वाले अखिलेश अखिल की पहचान प्रिंट, टीवी और न्यू मीडिया में एक खास चेहरा के रूप में है। अखिल की पहचान देश के एक बेहतरीन रिपोर्टर के रूप में रही है। इनकी कई रपटों से देश की सियासत में हलचल हुई तो कई नेताओं के ये कोपभाजन भी बने। सामाजिक और आर्थिक, राजनीतिक खबरों पर इनकी बेबाक कलम हमेशा धर्मांध और ठग राजनीति को परेशान करती रही है। अखिल बासी खबरों में रुचि नहीं रखते और सेक्युलर राजनीति के साथ ही मिशनरी पत्रकारिता ही इनका शगल है। कंटेंट इज बॉस के अखिल हमेशा पैरोकार रहे है।
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments