संघ प्रमुख मोहन भागवत 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मनाने के लिए यहां संगठन के समारोह में शामिल होंगे. कार्यक्रम रेड रोड से कुछ ही दूरी पर स्थित शहीद मीनार मैदान में होगा, जहां इस अवसर पर राज्य सरकार का आधिकारिक समारोह आयोजित किया जाता है.
तृणमूल कांग्रेस ने “2024 के लोकसभा चुनावों से पहले राष्ट्रीय आइकन को हथियाने के लिए आरएसएस और बीजेपी द्वारा एक प्रयास” के रूप में निर्णय की कड़ी आलोचना की है. आरएसएस के एक प्रवक्ता ने कहा कि, ”भागवत जी नेताजी की विचारधारा, दूरदृष्टि और देश की आजादी के लिए उन्होंने कैसे लड़ाई लड़ी, इस पर बात करेंगे. कार्यक्रम में राज्य भर से हजारों स्वयंसेवक हिस्सा लेंगे.”
संघ के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि भागवत के 18 जनवरी को शहर में आने की उम्मीद है, जिसे देखते हुए उनके यात्रा कार्यक्रम का विवरण तैयार किया जा रहा है. उधर, टीएमसी ने नेता जी की जयंती समारोह में संघ प्रमुख के शामिल होने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. टीएमसी के प्रवक्ता जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, “संघ ने कभी भी नेताजी के प्रति सम्मान नहीं दिखाया था, इसने केवल उनके बारे में बात की थी. यदि कोई अतीत में संघ (आरएसएस) नेताओं के बयानों को पढ़ता है, तो कोई देख सकता है कि कितना अपमानजनक है.” जो नेताजी के बारे में थे.”
उन्होंने कहा, “संघ अचानक नेताजी की वीरता से जाग गया है. क्योंकि पंचायत चुनाव नजदीक हैं, उसके बाद अगले साल लोकसभा चुनाव हैं, और वो बीजेपी की मदद करना चाहते हैं.”
टीएमसी के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए, बीजेपी के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि राज्य में सत्ताधारी पार्टी को हर चीज में राजनीति नजर आती है. “भले ही आरएसएस जैसा सामाजिक संगठन नेताजी के आदर्शों पर चर्चा करना चाहता हो, और युवा पीढ़ी को अभ्यास में शामिल करना चाहता हो.”