Thursday, November 21, 2024
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दिल्ली के नजदीक बन रहा है दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी प्रोजेक्ट

राजधानी दिल्ली से सटे एक बड़े क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी परियजना पर काम तेजी से चल रहा है.

हरियाणा सरकार दिल्ली से सटे अपने दो जिलों गुरूग्राम और नूंह में दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित करने पर तेजी से काम कर रही है. अरावली पहाड़ी क्षेत्र में बनने वाला यह जंगल सफारी करीब 10 हजार एकड़ में फैला होगा. यह परियोजना दुनिया में इस तरह का सबसे बड़ा मंसूबा है. मौजूदा समय में दुनिया का सबसे बड़ा क्यूरेटेड पार्क संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह में है. इसको फरवरी 2020 में खोला गया. यह शारजाह पार्क 2 हजार एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है.

सरकार की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक “प्रस्तावित जंगल सफारी पार्क शारजाह पार्क से आकार में करीब पांच गुना बड़ा होगा. इसमें एक बड़ा हर्पेटेरियम होगा, जहां सरीसृप और उभयचरों के लिए एक प्राणी प्रदर्शनी स्थान का निर्माण किया जाएगा. साथ ही बर्ड पार्क, बिग कैट के लिए चार क्षेत्रों को चिन्हित किये जाने की योजना है. इसके साथ ही शाकाहारी जीवों, विदेशी पशु व पक्षियों, पानी में रहने वाले जीवों के लिए अलग-अलग क्षेत्र तय किये जाएंगे. पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से बनाये जा रहे इस पार्क में पर्यटकों के ठहरने और घूमने के लिए जरूरी व्यवस्था की जाएगी. योजना को जमीन पर उतारने के लिए हाल के दिनों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण भूपेंद्र यादव ने शारजाह सफारी का दौरा किया.

इस योजना को केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार संयुक्त रूप से विकसित करेंगी. प्रस्ताव के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से पार्क के निर्माण के लिए धन दिया जाएगा, जबकि हरियाणा सरकार को भूमि की व्यवस्था करनी होगी. हरियाणा के मुख्यमंत्री सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि जंगल सफारी योजना से न सिर्फ पर्यटन बढ़ेगा, बल्कि स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. सीएम ने कहा कि इसके साथ ही आसपास के गांवों के होम स्टे नीति से लोगों को फायदा होगा. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के विकास के लिए दो अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को शॉर्टलिस्ट किया गया है.

जंगल सफारी के लिए जमीन को 33 साल की अवधि के लिए लीज पर दिया जाएगा. इस दौरान अगर जंगल सफारी के किसी भी रकबे में अतिक्रमण होता है, तो उसे हटाने की जिम्मेदारी वन विभाग की होगी. अरावली पर्वत श्रृंखला पक्षियों, जंगली जानवरों और तितलियों की कई प्रजातियों का घर है.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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