अंज़रुल बारी
भारतीय जनता पार्टी के त्रिपुरा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मानिक साहा को शनिवार शाम को विधायक दल का नेता चुना गया. इससे पहले सीएम बिप्लव देव ने पहले इस्तीफा दिया. प्रदेश का नया सीएम चुने जाने पर बिप्लव कुमार देब ने डॉ साहा को बधाई दी. मानिक साहा आज रविवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे. माना जा रहा है कि अगले चुनाव में जीत हाशिल करने के लिए बीजेपी ने यह सब बदलाव किया है.
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर कहा, “श्री माणिक साहा को बीजेपी विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई. मुझे विश्वास है कि माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में और आपके नेतृत्व में, त्रिपुरा विकास के मामले में नई ऊंचाइयों को छुएगा.”
बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद कई नामों की चर्चा चल रही थी, जिनमें माणिक साहा का नाम भी शामिल था. आखिरकार तमाम नेताओं ने साहा को ही विधायक दल का नेता चुना. माना जा रहा है कि वो जल्द शपथ लेकर सीएम का पद संभाल सकते हैं.
चर्चा है कि बिप्लब देब को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है. मणिक साहा त्रिपुरा बीजेपी के अध्यक्ष हैं और राज्यसभा सांसद भी हैं. चुनावों से एक साल पहले पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए उऩ्हें ये जिम्मेदारी सौंपी है. त्रिपुरा में पिछले कुछ दिनों से बीजेपी नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला बना हुआ था. सीधे तौर पर बिप्लब देब को इसकी वजह माना जा रहा था.
माणिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं. साहा ने इस साल की शुरुआत में त्रिपुरा से एकमात्र राज्यसभा सीट जीती थी. 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए साहा को 2020 में बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. साहा ने बिप्लब कुमार देब की जगह ली. माणिक साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं. मुख्यधारा की राजनीति में आने से पहले साहा हापनिया स्थित त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाते थे.
बिप्लब देब ने इस्तीफा देने के बाद कहा था, पीएम मोदी से मेरी बात हुई है. मैंने गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. आलाकमान ने इस्तीफा देने को कहा तो मैंने यह कदम उठाया. आगे विधानसभा चुनाव होने हैं, उसकी तैयारियों में लगूंगा. बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में पार्टी को मजबूत करता रहूंगा.
बता दें कि 60 सदस्यीय त्रिपुरा की विधानसभा के लिए अगले साल चुनाव होंगे. बीजेपी 2018 में राज्य में सीपीएम के नेतृत्व वाली वाम मोर्चा सरकार के 25 साल लंबे शासन को खत्म करके सत्ता में आई थी. इस बार उसे तृणमूल कांग्रेस से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसने पिछले साल हुए निकाय चुनावों में तीसरा सबसे बड़ा वोट शेयर हासिल किया था. बीजेपी पिछले लगभग एक साल में त्रिपुरा, उत्तराखंड, गुजरात, कर्नाटक के सीएम बदल चुकी है.