राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 नवंबर, 2022 से न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़ को भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित के रिटायर होने के बाद, डीवाई चंद्रचूड़ भारत के 50 वें मुख्य न्यायाधीश बन जाएंगे. बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने न्यायमूर्ति डी. वाई चंद्रचूड़ को उनके उत्तराधिकारी के रूप में सुझाया था. उन्होंने 11 अक्टूबर की सुबह न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को एक पत्र सौंपा था. पत्र में, उन्होंने उन्हें अगले सीजेआई के रूप में नामित किया.
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने पर न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया, “9 नवंबर को औपचारिक शपथ ग्रहण समारोह के लिए न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ को मेरी शुभकामनाएं.”
भारत के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य न्यायाधीश, वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे, न्यायमूर्ति धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने दिल्ली विश्वविद्यालय में एलएलबी पूरा किया. इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित इनलाक्स छात्रवृत्ति प्राप्त करने के बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय में अध्ययन किया. हार्वर्ड में, उन्होंने कानून में परास्नातक और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट पूरा किया. जस्टिस चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बनने से पहले सुप्रीम कोर्ट और गुजरात, कलकत्ता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली के उच्च न्यायालयों में एक वकील के रूप में प्रैक्टिस किया है.
वह कंपनी लॉ बोर्ड, एकाधिकार और प्रतिबंधित व्यापार व्यवहार आयोग, विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम बोर्ड और राष्ट्रीय और राज्य आयोगों के सामने पेश हुए. उन्हें 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था.
डीवाई चंद्रचूड़ ने 1998 से 2000 तक भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया. एक वकील के रूप में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, एचआईवी पॉजिटिव, श्रमिकों के अधिकार, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक अधिकार और श्रम और औद्योगिक कानून शामिल हैं.
13 मई 2016 को जस्टिस चंद्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था. इससे पहले, वह 31 अक्टूबर 2013 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे.