Home ताज़ातरीन डायबिटीज के कुछ ऐसे देसी नुस्खे जिसके सेवन से शुगर हो सकता कंट्रोल 

डायबिटीज के कुछ ऐसे देसी नुस्खे जिसके सेवन से शुगर हो सकता कंट्रोल 

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डायबिटीज के कुछ ऐसे देसी नुस्खे जिसके सेवन से शुगर हो सकता कंट्रोल 

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो कुछ सालों पहले तक उम्र दराज़ लोगों की बीमारी मानी जाती थी, लेकिन आज इस बीमारी की चपेट में युवा वर्ग भी आ गया है। कम उम्र में डायबिटीज की बीमारी के लिए बढ़ता तनान, खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। तनाव एक ऐसी बीमारी है जो कई बीमारियों की वजह बनता है। डायबिटीज की बीमारी का कोई इलाज नहीं है सिर्फ इस बीमारी को कंट्रोल करने के उपाय है। इस बीमारी को कंट्रोल रखा जाए इस बीमारी के जोखिम से बचा जा सकता है।

युवाओं का खाने से पहले ब्लड शुगर (blood sugar level) का स्तर 70 से 130 mg/dLऔर खाने के 2 घंटे बाद 180 mg/dL से कम होना ठीक रहता है। जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल इससे ज्यादा होता है इसका मतलब ये है कि उनकी डायबिटीज बढ़ रही है। डायबिटीज के मरीजों की ब्लड शुगर बढ़ने से कई बीमारियों का जोखिम रहता है।

40 साल की उम्र में अगर किसी को डायबिटीज हो जाए तो उसके लिए बेहद सतर्कता बरतने की जरूरत होती है। इस उम्र में ब्लड प्रेशर अगर 400-450 तक पहुंच जाए तो कई बीमारियों जैसे हार्ट अटैक और किडनी फेलियर जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। डायबिटीज की ये रेंज कैसे सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है? आइए जानते हैं कि ब्लड शुगर 400-450 तक पहुंच जाए तो क्या करें?

डायबिटीज के मरीजों को चाहिए कि वो रेगुलर ब्लड शुगर को टेस्ट करें। शुगर बढ़ने पर बॉडी उसके संकेत देना शुरू कर देती है। अधिक पेशाब आना,अधिक प्यास लगना, धुंधला दिखाई देना,थकान और सिरदर्द ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने के संकेत हैं। अगर शुगर का स्तर 400-450 तक हो जाए तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। इस रेंज पर आप सबसे पहले पानी का सेवन बढ़ा दीजिए।

पानी का अधिक सेवन यूरीन के जरिए बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालता है और ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। आप शुगर कंट्रोल करने वाली दवाई का सेवन करें। शुगर को कंट्रोल करने के लिए आप बॉडी को एक्टिव रखें। वॉक करें। लम्बी सांसे लें और छोड़ें।

40 साल की उम्र में या फिर इससे ज्यादा उम्र के लोगों की फॉस्टिंग शुगर 90 से 130 mg/dL होनी चाहिए अगर 400 को पार कर जाएं तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं।

अगर शुगर का स्तर तेजी से बढ़ गया है तो आप डाइट में आलू , चावल , गन्ना , केला , आम , चीकू , अनार , ऑरेंज जैसे फूड्स से परहेज करें। इनमे ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है जो तेजी से शुगर को बढ़ाती है।

अगर शुगर का स्तर बढ़ गया है तो आप डाइट में एलोवेरा, आम के पत्ते, आंवला, मेथी दाना, करेले का रस, सहजन और जामुन का सेवन करें।

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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