Sunday, September 8, 2024
होमताज़ातरीनज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा की शाही ईदगाह पर नजर, ASI...

ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा की शाही ईदगाह पर नजर, ASI सर्वे के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञान वापी मस्जिद के एएसआई सर्वेक्षण के बीच, अब सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई सर्वेक्षण) के द्वारा मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद की भी जानकारी मांगी है. खबरों के मुताबिक यह अर्जी श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि कथित शाही ईदगाह मस्जिद पर हिंदू समुदाय का अधिकार है. उन्होंने दावा किया है कि निर्माण के बाद मंदिर को नष्ट कर दिया गया था. याचिकाकर्ता ने आगे कहा है कि विवादित भूमि के संबंध में श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और मस्जिद समिति द्वारा किए गए दावे की विश्वसनीयता का पता लगाने के लिए एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण आवश्यक है.

ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इस सर्वे के बाद ही सही आंकड़े सामने आएंगे. जो मामले के एतबार से केस में मजबूती पैदा करेगा. अर्जी में कहा गया है कि विवादित भूमि के धार्मिक इतिहास और स्थल के धार्मिक महत्व को पूरी तरह से समझने के लिए एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण की जरूरत है. ताकि अतीत का ठीक से अध्ययन किया जा सके।

गौरतलब है कि इस साल जनवरी में ट्रस्ट ने अपने हित के साथ-साथ संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा का हवाला देते हुए सिविल जज, मथुरा के समक्ष मामला दायर किया था. इसमें अनुरोध किया गया कि इस स्थान पर कृष्ण जन्मभूमि को पुनर्स्थापित किया जाए. जहाँ वर्तमान में शाही मस्जिद ईदगाह स्थित है.

हालाँकि, शाही मस्जिद ईदगाह की प्रबंधन समिति और यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने मुकदमे के रखरखाव पर अपनी आपत्ति दर्ज की है, जिसमें कहा गया है कि मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के तहत निषिद्ध है. कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट ने अपने अध्यक्ष आशुतोष पांडे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट से मथुरा सिविल कोर्ट को वैज्ञानिक सर्वेक्षण के आवेदन पर विचार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
RELATED ARTICLES

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular

Recent Comments