देश की जानी मानी जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान करने वाले एसएफआई छात्र संगठन के 4 छात्रों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया है. इन पर माहौल खराब करने के प्रयास का आरोप है. चारों छात्रों को यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर अरेस्ट किया गया है.
इधर जैसे ही छात्र संगठन एसएफआई की तरफ से बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाए जानेवाला एलान हुआ, यूनिवर्सिटी प्रशासन हरकत में आ गया. यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर की तरफ से एक सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें इस डॉक्यूमेंट्री को ना दिखाए जाने पर रोक लगाए जाने की बात कही गई थी. सुबह से ही जामिया कैंपस के बाहर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है. छात्रों को आई कार्ड चेक होने के बाद ही कैंपस में इंट्री दी जा रही है, लेकिन जिस लॉन में ये स्क्रीनिंग होनी है, वहां किसी को भी जाने की इजाजत दी जा रहे है.
इससे पहले मंगलवार शाम जेएनयूएसयू की ओर से कैंपस में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने का ऐलान किया गया था, मगर ठीक स्क्रीनिंग से ठीक पहले कैंपस की बिजली काट दी गई, और इंटरनेट सर्विस को बंद कर दिया गया था. बावजूद इसके बड़ी तादाद में जमा हुए छात्रों ने मोबाइल के नेट से जब डॉक्यूमेंट्री देखने की कोशिश की थी, उनपर पथराव किया गया, जिससे नाराज छात्रों ने नर्मदा हॉस्टल से जेएनयू गेट तक रोश मार्च निकाला था.
बता दें कि जेएनयू से पहले हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी समेत कई और सिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स के एक समूह ने कैंपस के अंदर डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” की स्क्रीनिंग की है. हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर पुलिस ने कहा कि इस बारे में लिखित शिकायत मिलने पर जांच शुरू की जाएगी.