अखिलेश अखिल
कांग्रेस अब हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा की तैयारी में है. यह यात्रा 26 जनवरी से शुरू हो रही है. कांग्रेस की यह यात्रा दो महीने तक चलेगी. यात्रा पूरी तरह से राजनीतिक होगी. और जनता से जुड़कर कांग्रेस के पक्ष में वोट डालने की अपील की जाएगी. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने साफ़ कर दिया है कि इस हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के जरिये मोदी सरकार की नीतियों पर हमला होगा. कह सकते हैं कि यह यात्रा मोदी सरकार के खिलाफ एक चार्जशीट है. सरकार ने अब तक जो भी नीतियां बनाई हैं. उसके बारे में लोगो को बताया जाएगा और सरकार को घेरने का प्रयास किया जाएगा.
हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा के जरिये कांग्रेस ने मोदी सरकार के सिलसिलेवार एक चार्जशीट तैयार की है. इसमें कई तरह के सवाल है. और सरकार पर तीखे हमले भी हैं. चार्जशीट में कहा गया है कि पिछले आठ सालों में किस तरह से जनता की उम्मीदों के खिलाफ जाकर मोदी सरकार ने कई ऐसे नियम बनाये, जिसके बाद जनता परेशानी में फंसती ही चली गई. इस अभियान के जरिये जनता के सामने कई सवाल भी रखे गए हैं. माना जा रहा है कि ये सवाल बीजेपी को परेशान कर सकते हैं और जो बातें अब तक सामने नहीं आयी थी, जनता वह भी जानेगी. इसका असर बीजेपी के चुनावी खेल पर भी पड़ सकता है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि चुकी यह हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा पूरी तरह से राजनीतिक यात्रा है, इसलिए इसमें हमारा फोकस मोदी सरकार की विफलताओं को जनता तक पहुंचाने का है. जयराम रमेश ने कहा कि भारत जोड़ा यात्रा विचारधाराओं को लेकर की गई थी. जबकि हाथ से हाथ जोड़ो यात्रा राजनीतिक है. यह यात्रा भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा चरण है. राहुल गाँधी की यात्रा का मकसद राजनीति से नहीं था, लेकिन हाथ से हाथ जोड़ा यात्रा का मकसद राजनीतिक है. और इसका व्यापक असर होने वाला है. इस यात्रा में सौ फीसदी राजनीतिक बातें होनी हैं. कांग्रेस को मजबूत बनाने के साथ ही चुनावी राजनीति पर भी फोकस किए जायेगा.
हाथ जोड़ो यात्रा घर-घर पहुंचेगी. इस यात्रा में कांग्रेस के सभी नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे. और देश भर में यह अभियान चलेगा. इस अभियान में राहुल गाँधी के उस पत्र को भी शामिल किया गया है, जिसमे उन्होंने जनता के सामने कई सवाल खड़े किये हैं और कुछ चुनावी मुद्दे भी उठाये हैं.