Monday, December 23, 2024
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कांग्रेस मुक्त जम्मू कश्मीर के एजेंडा पर काम कर रहे गुलाम नबी आजाद !

हिंदुस्‍तान टाइम्‍स से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद के करीबी और पूर्व मंत्री जीएम सरूरी ने कहा कि जम्मू और कश्‍मीर में जब भी चुनाव कराया जाएगा, आजाद पार्टी की ओर से मुख्‍यमंत्री पद का चेहरा होंगे. इस संबंध में हमारे बीच बातचीत चल रही है. आजाद अगले 20 दिनों के अंदर एक राष्ट्रीय पार्टी का गठन करने जा रहे हैं. यह एक धर्मनिरपेक्ष यानी सेक्‍युलर पार्टी होगी, जो हमारी विचारधारा है. हम सभी इसी विचारधारा के लिए उनके साथ जुड़े हैं. हालांकि गुलाम नबी आजाद का इस संबंध में अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है. सरूरी ने यह भी कहा है कि जम्मू कश्मीर अब कांग्रेस मुक्त होगा. कांग्रेस के लिए अब जम्मू कश्मीर में कुछ नहीं बचेगा. क्योंकि कांग्रेस के 1500 से ज्यादा नेता आजाद के साथ आ गए हैं.

कांग्रेस से इस्‍तीफा देने के बाद गुलाम नबी आजाद का रुख क्या होगा इसका सभी को इंतजार है. हालांकि वो कह चुके हैं कि वो नयी पार्टी का गठन करेंगे. यहां बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने पिछले दिनों कांग्रेस से इस्‍तीफा दे दिया था. उन्होंने पार्टी के अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में राहुल गांधी पर कई तरह के आरोप लगाये थे. आजाद के इस्‍तीफे के बाद जीएम सरूरी सहित जम्मू-कश्मीर के कई नेताओं ने एक साथ पार्टी छोड़ दी. सरूरी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में जिस भी पार्टी का भी गठन होगा. वो एक सेक्‍युलर पार्टी होगी.

जीएम सरूरी के अनुसार कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख पद के लिए सरूरी की उम्मीदवारी की अनदेखी की जा रही थी. इसके बजाय विकार रसूल को तरजीह दी जा रही थी. यह भी गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने का एक कारण बताया जा रहा है.

कांग्रेस पर हमला करते हुए सरूरी ने कहा कि गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे से जम्मू-कश्मीर कांग्रेस से पलायन शुरू हो चुका है. आज़ाद के साथ 1,500 से अधिक नेता और कार्यकर्ता इस्तीफा दे चुके हैं. आने वाले दिनों में कई और लोग भी हमारे साथ जुड़ेंगे.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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