मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फ़ंडिंग की रोकथाम से जुड़े अंतरराष्ट्रीय संगठन फ़ाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फ़ोर्स ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया है. एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने पहले ट्वीट में कहा कि इस लिस्ट से बाहर होना वर्षों से हमारे दृढ़ और निरंतर प्रयासों का नतीजा है. मैं अपने असैन्य और सैन्य नेतृत्व के साथ-साथ उन सभी संस्थानों को बधाई देना चाहता हूं, जिनकी कड़ी मेहनत से आज सफलता मिली है. आप सब को बहुत मुबारक.’
पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने ट्वीट कर पाकिस्तान के लोगों को इस मौके पर बधाई दी है. उन्होंने लिखा, “पाकिस्तान के लोगों को बधाई. पाकिस्तान को आधिकारिक तौर पर एफ़एटीएफ़ की ‘ग्रे लिस्ट’ से हटा दिया गया है. पाकिस्तान जिंदाबाद.”
इधर, पाकिस्तान के एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर होने के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि एफएटीएफ की जांच के बाद पाकिस्तान को जाने-माने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. खासकर उन आतंकियों के खिलाफ, जो 26/11 हमले में शामिल थे. बागची ने कहा कि यह वैश्विक हित का मामला है. पाकिस्तान को आतंकवाद और आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ निरंतर कार्रवाई जारी रखनी चाहिए.
बता दें कि पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में 2018 से ही है. पाकिस्तान द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग पर एशिया पैसिफिक ग्रुप के साथ काम करने, एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद विरोधी वित्तपोषण प्रणाली को बेहतर बनाने के चलते यह फैसला लिया गाया है.’ ग्रे लिस्ट से बाहर होने के बाद पाकिस्तान अपनी लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए आईएमएफ, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और यूरोपीय संघ से वित्ती मदद हासिल करने की कोशिश कर सकता है.