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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि देश में क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे में से 113.791 करोड़ रुपये (करीब 91 फीसदी) पांच पार्टियों को गया।. एडीआर द्वारा तैयार की गई यह रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत के चुनाव आयोग के समक्ष क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे पर केंद्रित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, घोषित चंदे के मामले में शीर्ष 5 क्षेत्रीय दल जदयू , द्रविड़ मुनेत्र कषगम , आम आदमी पार्टी , इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और तेलंगाना राष्ट्र समिति हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्रीय दलों को मिले कुल चंदे का 91.38 फीसदी यानी 113.791 करोड़ रुपये इन दलों के खजाने में गया है। जहां जदयू, द्रमुक और टीआरएस ने अपने चंदे में वृद्धि की घोषणा की है, वहीं, आप और आईयूएमएल ने वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में चंदे में कमी की जानकारी दी है।
द्रमुक, टीआरएस, जदयू और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने वित्त वर्ष 2019-20 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच चंदे से अपनी आय में अधिकतम प्रतिशत वृद्धि देखी। रिपोर्ट में शामिल 54 क्षेत्रीय दलों में से केवल 6 ने निर्धारित समय अवधि के भीतर निर्वाचन आयोग को अपनी दान रिपोर्ट जमा की। 25 अन्य दलों ने अपनी प्रस्तुति देने में तीन से 164 दिन तक की देरी की. 27 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित चंदे की कुल राशि 3,051 चंदे से 124.53 करोड़ रुपये थी. इसमें 20,000 रुपये से ज्यादा और कम दोनों रकम शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2020-21 के लिए झामुमो, एनडीपीपी, डीएमडीके और आरएलटीपी द्वारा चंदा मिलने की कोई जानकारी नहीं दी गई है। प्राप्त चंदे के मामले में, जदयू 330 दान से 60.155 करोड़ रुपये के साथ शीर्ष स्थान पर है। उसके बाद द्रमुक है, जिसे 177 दान से 33.993 करोड़ रुपये मिले हैं। आम आदमी पार्टी ने चंदे से 11.328 करोड़ रुपये प्राप्त करने की घोषणा की। आईयूएमएल और टीआरएस ने क्रमशः 4.165 करोड़ रुपये और 4.15 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की घोषणा की है।