Thursday, November 21, 2024
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ईरान हिजाब : मेहसा अमिनी की मौत पर भारी विरोध झेल रही सरकार ने नैतिक पुलिस को किया खत्म

ईरान में हिरासत में एक लड़की की मौत के खिलाफ ढाई महीने के विरोध के बाद, गेश्त इरशाद नामक नैतिक पुलिस को भंग कर दिया गया था.

ईरानी अटॉर्नी जनरल मोहम्मद जफर मोंटाज़ेरी के अनुसार, नैतिक पुलिस का न्यायपालिका से कोई लेना-देना नहीं है, नैतिक पुलिस को अब समाप्त कर दिया गया है.

उन्होंने कहा कि ईरानी न्यायपालिका और संसद भी महिलाओं के सिर ढकने के कानून में संभावित बदलावों पर काम कर रही है. बता दें कि नैतिक पुलिस 2006 में पूर्व ईरानी राष्ट्रपति अहमदीनेजाद के शासन के दौरान बनाई गई थी.

इस साल सितंबर में, उक्त नैतिक पुलिस ने 22 वर्षीय मेहसा अमिनी को अपना सिर नहीं ढकने के कारण हिरासत में लिया था. मेहसा अमिनी की 16 सितंबर को कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी और ईरान में 17 सितंबर से उनकी मौत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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