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आदित्य ठाकरे के बिहार दौरे से बीजेपी की नाराजगी बढ़ी

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आदित्य ठाकरे के बिहार दौरे से बीजेपी की नाराजगी बढ़ी

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के बिहार दौरे को बीजेपी पचा नहीं पा रही है. आदित्य ठाकरे के बुधवार को पटना पहुंचना और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से मुलाकात करना पसंद नहीं आया है. बीजेपी ने कहा कि मुंबई में रहने वाले बिहारी अभी अपना अपमान नहीं भूले हैं.

बीजेपी के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जिस शिवसेना (उद्धव गुट) ने मुम्बई में बिहार और उत्तर भारत के लोगों का लगातार अपमान किया, उसके पक्ष में वोट मांगने नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद यादव किस मुंह से जाएंगे ?

मोदी ने कहा कि आदित्य ठाकरे मुंबई महानगर पालिका के चुनाव में शिवसेना के लिए बिहार के लोगों का वोट सुनिश्चित करने आए हैं, लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि वास्तविक शिवसेना ( शिंदे-गुट) बीजेपी के साथ सरकार चला रही है और जनता उसके साथ है. मोदी ने कहा कि उद्घव-गुट वाली शिवसेना जब वीर सावरकर का अपमान करने वाली कांग्रेस के साथ है, तब नीतीश कुमार बतायें कि वे किसके साथ खड़े होंगे ?

उन्होंने कहा कि आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव का मिलना दो वंशवादी दलों के राजकुमारों की पिकनिक पार्टी से ज्यादा कुछ नहीं है. इधर, बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत संदेहास्पद मृत्यु के बाद आदित्य ठाकरे, संजय राउत और उद्धव ठाकरे ने जिस तरह का बर्ताव किया था, उसे हम कभी भूल नहीं सकते.

उन्होंने कहा कि आदित्य ठाकरे और तेजस्वी यादव का मिलना दो वंशवादी दलों के राजकुमारों की पिकनिक पार्टी से ज्यादा कुछ नहीं है.

इधर, बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं बिहार बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत संदेहास्पद मृत्यु के बाद आदित्य ठाकरे, संजय राउत और उद्धव ठाकरे ने जिस तरह का बर्ताव किया था, उसे हम कभी भूल नहीं सकते.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को बिहार विरोधी मानसिकता और सुशांत की मौत के जिम्मेदार संदिग्ध चरित्र वाले लोगों को आमंत्रित करने, मुलाकात करने से परहेज करना चाहिए था. आनंद ने कहा कि नीतीश और तेजस्वी ने बिहारवासियों की भावना को आहत किया और सुशांत सिंह राजपूत की आत्मा को भी ठेंस पहुंचाया है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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