रामपुर सीट पर बीजेपी की नजर टिक गई है. सपा नेता आजम खान इसी सीट से चुनाव जीतते रहे हैं. अब बीजेपी इस सीट को अपने पाले में करने के लिए नया खेल करती नजर आ रही है. आज बीजेपी वहां सम्मेलन कर रही है, ताकि अल्पसंख्यकों को रिझाया जा सके.
इस सम्मेलन में खासतौर से उन पसमांदा मुस्लिमों को आमंत्रित किया जा रहा है, जिन्हें केन्द्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिला है. पार्टी का दावा है कि यह सम्मेलन अल्पसंख्यक समाज के लाभार्थियों से बीजेपी के संवाद को और अधिक मजबूत करेगा.
यूपी के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव में विरोधी दलों के दिग्गजों को धूल चटा बीजेपी अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद रामपुर में ये कमाल दिखाने में नाकाम रही है. आजम की बदौलत यह सपा का अजेय गढ़ बना हुआ है. इस बार बीजेपी की पुरजोर कोशिश है कि सपा के अजेय किले को ध्वस्त किया सके.
इसके लिए पार्टी नेता पूरे दमखम से जुटे हैं और उनकी नजर मुस्लिम मतदाताओं पर है, जिनके सहारे पार्टी उपचुनाव में जीत की योजना बना रही है. आजम खां रामपुर से 10 बार विधायक चुने गए हैं. लोकसभा सदस्य भी रहे हैं, लेकिन भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा होने से उनकी विधायकी चली गई. इसलिए अब यहां उपचुनाव हो रहा है.
इस सीट पर कुल 3.89 लाख मतदाता हैं. इनमें मुस्लिम मतदाता बड़ी संख्या में हैं. इसी कारण रामपुर में आजादी के बाद से अब तक हुए सभी चुनाव में मुसलमान ही विधायक बनते रहे हैं. बीजेपी का कमल यहां कभी नहीं खिल सका है, लेकिन इस बार बीजेपी नई रणनीति बनाकर जीत की कोशिशों में लगी हुई है.
सत्तारूढ़ दल आजम के गढ़ में अल्पसंख्यक लाभार्थी सम्मेलन करके उन्हें असहज करना चाहता है. इसलिए बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस सम्मेलन में बीस हजार से अधिक लाभार्थी जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. यह अत्यंत पिछड़े तबके के वो मुस्लिम होंगे, जिनको लाभ देने में सरकार ने कोई भेदभाव नहीं किया. बीजेपी लगातार पसमांदा मुस्लिमों को अपने पाले में लाने के लिए अभियान चला रही है.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने बताया कि देश के हर जिले में पसमांदा सम्मेलन का आयोजन करने का निर्णय किया गया है. इसी कड़ी में रामपुर में पसमांदा सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. यूपी में सिर्फ पसमांदा समाज के हित में काम नहीं हो रहा है, बल्कि उन्हें राजनीतिक हिस्सेदारी भी दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ पसमांदा समाज के लोगों को मिल रहा है. आबादी के लिहाज से भी इस समाज की अच्छी खासी हिस्सेदारी है. आज रामपुर में आयोजित होने वाले पसमांदा सम्मेलन एतिहासिक होगा. यूपी में पसमांदा समाज एक बड़ा वर्ग है. इस समाज को बीजेपी से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. इस सम्मेलन के माध्यम से हम अल्पसंख्यों को एक बड़ा संदेश देने वाले हैं.