अर्मेनियाई प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान ने गुरुवार को एलान करते हुए कहा कि उच्चतम स्तर पर अपनाए गए संयुक्त आधिकारिक बयानों के आधार पर अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच जल्द ही एक शांति समझौता होगी. उन्होंने कहा कि “नया कोई तनाव अब नहीं होगा.”
उन्होंने कहा कि आर्मेनिया और अज़रबैजान के बीच जल्द ही एक शांति संधि होगा, और यह उच्चतम स्तर पर अपनाए गए संयुक्त आधिकारिक बयानों पर आधारित होगा. अब कोई नया एस्केलेशन नहीं होगा! अर्मेनियाई पीएम ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि, “अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस बयान का पुरजोर समर्थन करना चाहिए.”
उधर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रधान उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने इस डेवलपमेंट पर एक ट्वीट के जरिए अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि दक्षिण काकेशस में स्थायी और स्थायी शांति की दिशा में उठाया जा रहे इस कदम की अमेरिका सराहना करता है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच शांति वार्ता को सुविधाजनक बनानेमें लगे हुए हैं.
बता दें कि अर्मेनिया और अजरबैजान 30 से अधिक वर्षों में दो युद्ध लड़ चुके हैं, दोनों ही पूर्व सोवियत राज्य से अलग होने के बाद से स्वतंत्र राज्य हैं. अज़रबैजान के कंट्रोल वाले काराबाख के इलाके में अर्मेनियाई अलगाववादियों और सैनिकों द्वारा उकसावे की हरकतों के कारण अब तक हुई लड़ाई में हजारों लोगों की जान जा चुकी है.
न्यूज एजेंसी अल जज़ीरा के अनुसार, 2020 के युद्ध के बाद से ही दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनावपूर्ण युद्धविराम जैसे हालात बने हुए हैं. जिसमें अब तक 6,500 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. पिछले महीने ही अर्मेनियाई सैनिकों व अलगाववादियों ने उकसावे की हरकत करते हुए अजरबैजान के नागोर्नो – काराबाख में अजरबैजानी सैनिकों पर घात लगा कर हमला किया था, जिसपर अजरबैजानी सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए सख्त एक्शन लिया था, जिसके नतीजे में कम से कम पांच लोग मारे गए.
बता दें कि आर्मीनिया बराबर अजरबैजान के कंट्रोल वाले नोगर्नो – काराबाख को अपना इलाका साबित करने की कोशिश करता रहा है, और इस क्षेत्र के आर्मेनियाई नस्ल के लोगों को उकसा कर क्षेत्र में तनाव की स्तिथि पैदा करता रहता है, जिसके कारण कई बार दोनों देश युद्ध कर बैठते हैं.