Home ताज़ातरीन हिमालयन क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को अमेरिका ने बताया खतरे की घंटी

हिमालयन क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को अमेरिका ने बताया खतरे की घंटी

0
हिमालयन क्षेत्र में चीन के बढ़ते दखल को अमेरिका ने बताया खतरे की घंटी

 

अखिलेश अखिल

चीन लगातार अपनी विस्तारवादी नीतियों को अंजाम दे रहा है. अब उसका दखल हिमालयन क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है. यह बात और है कि भारत ड्रैगन की इन हरकतों का हमेशा विरोध करता रहा है लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पहले चीन ने पैंगोंग झील पर पुल बनाया और अब वह हिमालय के कई इलाको में निर्माण कार्य को अंजाम दे रहा है. चीन यह सब तब कर रहा है जब उसे पता है कि चीन और भारत के बीच सीमा विवाद चल रहा है. इसी बीच अमेरिकी जनरल चार्ल्स ए फ्लिन ने लद्दाख में चीन की गतिविधियों को खतरे की घंटी बताया है. उन्होंने कहा कि चीन का यह रवैया पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को नुकसान पहुंचाने वाला है. अमेरिकी जनरल हिमालयी क्षेत्र में चीन की तरफ से निर्माण कार्य पर बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र को देखने वाले जनरल ने कहा – मुझे लगता है कि पश्चिमी थिएटर कमांड में चीन की ओर से कराया जा रहा निर्माण और अन्य गतिविधियां आंखें खोलने वाली हैं. चीन, भारत से लगी सीमाओं पर निर्माण करवा रहा है, लगातार सीमा से सटे इलाकों में सड़कें बनवा रहा है.
बता दें कि अक्टूबर 2022 में भारत और अमेरिका युद्धाभ्यास करेंगे. यह प्रक्टिस हिमालयी क्षेत्र में 9000- 10,000 फीट की ऊंचाई पर होगी. इस अभ्यास का मकसद ऊंचाई वाले क्षेत्र में संयुक्त ऑपरेशन की तैयारी करना है. इसमें नई तकनीक, वायुसेना के संसाधन, लड़ाकू विमान, लॉजिस्टिक्स और रीयल टाइम में सूचनाएं शेयर करने का अभ्यास शामिल है.
गौरतलब है कि जनवरी में सेटेलाइट तस्वीरों से पता चला था कि चीन पेंगोंग झील के पास पुल बना रहा है. इसके अलावा चीन ने हवाई पट्टियों, सड़कों का निर्माण तेज किया है, जिससे हिमालयी क्षेत्र में चीन से भारत को सीधी चुनौती मिलती है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर अब तक 12 से अधिक सैन्य बैठक हो चुकी है, लेकिन इस मुद्दे पर अब तक कोई समाधान नहीं निकल सका है.

Previous article राज्य सभा चुनाव की उलटी गिनती : पार्टियों को सत्ता रहा है हॉर्स ट्रेडिंग और क्रॉस वोटिंग का डर
Next article SFJ नामी संगठन ने जारी किया खालिस्तान का नया नक्शा, शिमला को बताया राजधानी
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here