अंज़रुल बारी
हिमाचल प्रदेश के मंडी में आम आदमी पार्टी की रैली से बीजेपी और कांग्रेस की परेशानी बढ़ गई है. चुनाव होने में अभी समय है, लेकिन जिस अंदाज में सीएम केजरीवाल ने वहाँ रैली की है, उसने दोनों सियासी दलों को चिंतित कर दिया है. बता दें कि आम आदमी पार्टी अब अपना विस्तार कर रही है. पहले उसने दिल्ली की राजनीति को साधा, सरकार बनाई और चला भी रही है. फिर उसने पंजाब में अपनी पैठ बढ़ाई और फिर सरकार भी बनाई. पंजाब की जीत से ‘आप’ गदगद है. उसके लोगों को भरोसा हो कि उसका विस्तार संभव है और वह कांग्रेस – बीजेपी को भी मात दे सकती है. अब ‘आप’ की नजर गुजरात और हिमाचल पर टिकी है. इसी साल के अंत में इन दोनों राज्यों में चुनाव होने हैं.
देवभूमि हिमाचल में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सीएम केजरीवाल ने हिमाचल की सियासी पिच पर आक्रामक फील्डिंग लगा दी है. मंडी के सेरी मंच पर ‘आप’ द्वारा दिखाए गए ट्रेलर ने कांग्रेस-बीजेपी की धुकधुकी बढ़ा दी है.
अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान ने बड़े नेता की तरह नहीं, बल्कि आम आदमी की तरह छोटे से ट्रक में सवार होकर हजारों की भीड़ को संबोधित किया. नेताओं की तरह कस्मे-वादे नहीं किए, बल्कि हूटर बजाने के आदी नेताओं को अलर्ट किया कि कांग्रेस-बीजेपी की जड़ें खोदने के लिए ‘आप’ नाम का तीसरा विकल्प प्रदेश में दस्तक दे चुका है.
केजरी-मान की जोड़ी ने साबित कर दिया कि किस तरह बिना प्लानिंग के हजारों लोगों की भीड़ जुटाई जाती है. सेरी मंच पर जितनी भीड़ जुटी, शायद इतना किसी को अंदाजा नहीं था. इस रोड शो की खास बात यह रही कि इसमें फ्लां नेता जिंदाबाज, फ्लां नेता मुर्दाबाद के नारे नहीं थे, बल्कि पूरा मंडी शहर मेरा रंग दे बसंती चोला जैसे देशभक्ति के गीत और इंकलाब के नारों से गूंज रहा था.
खासकर जिस तरह भगवंत मान ने भगवान का झाड़ू बताकर सियासी तीर चलाया, उसने सेरी मंच पर मौजूद हर एक व्यक्ति की तालियां बटोरी. मान का यह तीर ठीक उसी तरह जनता के दिल पर लगा, जिस तरह बीजेपी श्रीराम का नाम, राम मंदिर का नारा देकर लोगों का दिल जीतने की कोशिश करती है.
केजरीवाल ने परिवारवाद की राजनीति को लेकर हमले करके हिमाचल की सियासी चूलें हिला दीं, क्योंकि हिमाचल में दर्जनों कार्यकर्ता परिवारवाद की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. आखिर में केजरीवाल ने यह कहा कि इस बार आम आदमी को वोट देकर अपने आपको वोट देना है और कांग्रेस-बीजेपी से छुटकारा पाना है. बीच-बीच में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य की बात करके आम जनता का दिल जीतने की कोशिश करते दिखे.
हिमाचल में इस रोड शो से पहले ‘आप’ नेता दावे कर रहे थे कि सेरी मंच से केजरीवाल मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा, पर्यटन, बागवानी को लेकर बड़े-बड़े ऐलान कर सकते है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. केजरीवाल की मौजूदगी में कांग्रेस-बीजेपी के कई बड़े चेहरे ‘आप’ में शामिल होने के दावे किए जा रहे थे. ऐसा भी नहीं हुआ, लेकिन बड़े नेता के न जुड़ने से आम वर्कर हतोत्साहित हैं.