Wednesday, May 1, 2024
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हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट 

उच्चतम न्यायालय कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगले सप्ताह सुनवाई करने के लिए राजी हो गया. प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की उन दलीलों पर गौर किया कि याचिकाएं काफी पहले दायर की गयी थीं, लेकिन इन्हें अभी तक सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया है.

प्रशांत भूषण ने कहा, ‘‘लड़कियों की पढ़ाई छूट रही है और वो मुश्किलों का सामना कर रही हैं.’’ इस पर पीठ ने कहा, ‘‘दो पीठ अभी काम नहीं कर रही हैं. इसलिए हमें इस मामले को फिर से (किसी अन्य पीठ को) सौंपना होगा. इसे अगले सप्ताह किसी दिन उचित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा.’’

गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने 15 मार्च को कक्षा के भीतर हिजाब पहनने की अनुमति देने का अनुरोध करने वाली याचिकाएं खारिज कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ अपीलों की तत्काल सुनवाई के लिए 26 अप्रैल को भी मामले का विशेष उल्लेख किया गया था.

कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी थीं. उच्च न्यायालय ने कहा था कि हिजाब पहनना अनिवार्य धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.

उच्च न्यायालय ने कक्षा के भीतर हिजाब पहनने की अनुमति देने संबंधी उडुपी के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की मुस्लिम छात्राओं के एक वर्ग की याचिकाएं खारिज कर दी थी.

शीर्ष न्यायालय में दाखिल याचिकाओं में से एक में याचिकाकर्ता ने कहा है, ‘‘उच्च न्यायालय ने यह गौर नहीं किया कि हिजाब पहनने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार के दायरे में आता है. अपने विवेक के आधार पर निर्णय लेने की आजादी निजता के अधिकार का एक हिस्सा है.’’

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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