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हंगामेदार होगा संसद का मानसून सत्र

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हंगामेदार होगा संसद का मानसून सत्र

18 जुलाई से शुरू होने वाला संसद का मानसून सत्र सत्ता पक्ष एवं विपक्ष दोनों के लिये काफी महत्वपूर्ण रहेगा. सत्र के पहले दिन ही जहां राष्ट्रपति का चुनाव होना है वहीं सरकार को घेरने के लिए विपक्ष ने पूरी तैयारी कर ली है. इसी सत्र के दौरान 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति का चुनाव भी होना है और इस पर भी विपक्ष की पैनी नजर है. लेकिन सबसे ज्यादा इस बात की सम्भावना बढ़ गई है कि कई मसलों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष साझा रणनीति बना सकती है. यह बात और है कि सरकार की तरफ से अभी संसद ठीक से चलाने की बात कही जा रही है. लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई मसलों को लेकर जो विवाद है उससे लगने लगा है कि संसद का यह सत्र भी हंगामेदार होगा.

सत्ता पक्ष राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना चाहती है, वहीं विपक्ष अग्निपथ योजना, बेरोजगारी व मंहगाई, जांच एजेंसियों के कथित दुरूपयोग जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है. संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि संसद का मानसून सत्र काफी महत्वपूर्ण है. इस अवधि में राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के चुनाव भी होने हैं. यह मानसून का समय है, ऐसे में कृषि, बरसात के महत्वपूर्ण विषय भी ज़ोर रहेंगे. उन्होंने कहा कि कई विधेयक भी संसद में पेश किये जायेंगे. जिनमें चार विधेयक ऐसे हैं जो संसदीय समितियों के समक्ष विचारार्थ हैं और इन्हें पेश किया जा सकता है.

विपक्ष द्वारा सरकार को महत्वपूर्ण मुद्दों पर घेरने की तैयारी के बारे में एक सवाल के जवाब में मेघवाल ने कहा कि सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के साथ चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि सरकार नियमों के तहत हर विषय पर चर्चा को तैयार है. वहीं, लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश ने कहा कि आसन्न मानसून सत्र में जिन मुद्दों को उठाना है, उनके बारे में अगले कुछ दिनों के भीतर पार्टी के रणनीतिक समूह की बैठक में फैसला होगा, लेकिन कई ऐसे मुद्दे हैं जिनको उठाना तय है. इनमें महंगाई, बेरोजगारी, ‘अग्निपथ’ योजना और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के विषय प्रमुख हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित बयान से देश का जो माहौल खराब हुआ है, वह विषय भी इस सत्र में उठेगा. हम जनहित के मुद्दों पर इस सरकार को आक्रामक ढंग से घेरेंगे.

आरएसपी के सांसद एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान अग्निपथ योजना, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को उठाया जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके अलावा लोक कल्याण से जुड़े विषयों पर भी सरकार से सवाल पूछे जायेंगे. संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा. संसद का यह सत्र खास रहने वाला है. क्योंकि 18 जुलाई को ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है. दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को होगा. उपराष्ट्रपति पद के लिए यदि निर्विरोध निर्वाचन नहीं हुआ तो उसी दिन मतों की गणना भी होगी.

संसद में अभी भारतीय अंटार्कटिक विधेयक, बाल विवाह रोकथाम संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी विधेयक और जैव विविधता संशोधन विधेयक जैसे महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हैं. सत्र के दौरान संसदीय समितियां महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेंगी. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने ट्वीट में कहा था कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। इसमें 18 बैठकें होगी.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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