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सोसाईटी फॉर ब्राइट फ्यूचर ने जोशीमठ में जारी राहत कार्य में मोर्चा संभाला

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सोसाईटी फॉर ब्राइट फ्यूचर ने जोशीमठ में जारी राहत कार्य में मोर्चा संभाला

उत्तराखंड के जोशीमठ में ज़मीन धंसने से मकान दरक रहे हैं. बड़े से बड़ा भूकंप इन मकानों की नींव नहीं हिला पाया लेकिन भू-धंसाव ने मकानों का नक्शा ही बदल कर रख दिया है. यहां सभी मकानों में दरारें आ गई हैं. बड़े पैमाने पर लोगो को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित किया जा रहा है.

जोशीमठ में पड़ रही दरारें और उससे बड़े पैमाने पर लोगों के हो रहे विस्थापन को देखते हुए सोसाईटी फॉर ब्राइट फ्यूचर (एस.बी.एफ़) राहत पहुंचाने के काम में जुट गयी है. वहाँ लोगों के विस्थापन और पुनर्वास की घड़ी में सोसाईटी फॉर ब्राइट फ्यूचर लोगों की मदद के लिये आगे आयी है.

बता दें कि सोसाइटी फॉर ब्राइट फ्यूचर का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल सोसाइटी के वालंटीयर कोआर्डीनेटर आमिर जमाल के नेतृत्व में जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर है. इसके अन्य सदस्यों में वसीम अहमद, देवसीश और गौरी भट सामिल हैं. ये उन प्रभावित लोगों से मिल रहे हैं, जो इस आपदा में अपना घर खो चुके हैं. इस दौरान एसबीएफ की टीम ने बेघर हुये 25 परिवारों को कंबल भी बांटे.

इधर एसबीएफ़ के नोशनल कोआर्डीनेटर इरफान अहमद ने जोशीमठ की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि सोसाईटी वहां की स्थिति पर गहरी नज़र रखे हुये है और उत्तराखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्यों में सहयोग करने को तत्पर है. उन्होंने बताया कि राज्य के संबंधित विभाग के मंत्री और अधिकारियों के साथ बातचीत हुई है. एसबीएफ़ राज्य सरकार के साथ मिलकर लोग की मदद का हर संभव प्रयास कर रही है.

उन्होंमे बताया कि एसबीएफ़ का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 14 जनवरी से ही जोशी मठ में है, और हालात पर पूरी नज़र बनाये हुये है. सरकार भी लोगों के राहत के लिए काम कर रही है और इस आपदा से प्रभावित 800 बेघर लोगों को होटलों में अस्थायी रूप से स्थानांतरित कर दिया गया है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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