Home ताज़ातरीन सियासत : राहुल की यात्रा से घबराई बीजेपी ने शुरू की जम्मू कश्मीर और कर्नाटक में यात्रा की तैयारी

सियासत : राहुल की यात्रा से घबराई बीजेपी ने शुरू की जम्मू कश्मीर और कर्नाटक में यात्रा की तैयारी

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सियासत : राहुल की यात्रा से घबराई बीजेपी ने शुरू की जम्मू कश्मीर और कर्नाटक में यात्रा की तैयारी

 

डर किसे नहीं लगता ! डरता कौन नहीं है ! कमजोर विपक्ष भी जब शंखनाद करता है तो बड़वान भी खान खड़े करते हैं. सबको पता है बदलाव प्रकृति का नियम है. सदा किसी का एक का इकबाल बुलंद नहीं रहता. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा और विपक्ष की गोलबंदी से घबराई बीजेपी के कान खड़े हो गए हैं. जम्मू-कश्मीर में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले ही बीजेपी ने मेगा आउटरीच कार्यक्रम के तहत केंद्र के 60 मंत्रियों को यहां उतारने का फैसला किया है. इसकी शुरुआत मंगलवार को केंद्रीय मंत्री संजीव बलियान और एक अन्य मंत्री के दौरे के साथ हो गई है. सरकारी योजनाओं का फीडबैक लेने के लिए 7 से 8 हफ्तों तक 60 मंत्री करीब 20 जिलों में जाएंगे. सरकार ने ये कार्यक्रम पहले जून में शुरू किया था, लेकिन अमरनाथ यात्रा के चलते और सुरक्षा कारणों से इसे स्थगित कर दिया था.

कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जवाब में बीजेपी जन संकल्प यात्रा निकाल रही है. सीएम बासवराज बोम्मई और पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने इस यात्रा की शुरुआत रायचुर के गिलेसुगुर गांव से की. कर्नाटक के सीएम बोम्मई ने कहा कि इस यात्रा का एजेंडा लोगों को यह बताना है कि बीजेपी ने उनके लिए क्या किया है. हजारों लोगों को बीजेपी की लीडरशिप में फायदा पहुंचा है.

इस यात्रा में बीजेपी अधिकारी भी हिस्सा लेंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी 2023 में यहां चुनाव जीतने वाली है. इस यात्रा के साथ राज्य में कांग्रेस और बीजेपी के बीच चल रहा पोस्टर वॉर फिर शुरू हो गया है.

बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बुजुर्गों को साधने के लिए एक बड़ी योजना बनाई है. देश के लगभग 13 करोड़ 60 साल से ज्यादा के बुजुर्गों को बीजेपी एक ऐसी कड़ी बनाना चाहती है, जो 2019 में जीती हुईं सीटों पर वोट शेयर बढ़ा सके या सीटें जीतने के लिए कम पड़ रहे वोटों की खाई को पाट सके.

बीजेपी ने इस प्लानिंग को अंजाम देने के लिए 10 प्रमुख राज्यों पर फोकस किया है, जहां 60 साल से ज्यादा उम्र के 50 लाख से ज्यादा वोटर हैं. ये राज्य राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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