Home चुनाव सात चुनावी राज्यों में बीजेपी का दलितों पर फोकस, करोड़ों के फंड आवंटित किए

सात चुनावी राज्यों में बीजेपी का दलितों पर फोकस, करोड़ों के फंड आवंटित किए

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सात चुनावी राज्यों में बीजेपी का दलितों पर फोकस, करोड़ों के फंड आवंटित किए

बीजेपी ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. आने वाले डेढ़ साल में सात राज्यों में चुनाव होने हैं और बीजेपी इन राज्यों में दलितों को अपने पास लाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी कर रही है. बीजेपी का फोकस दलित वोट को अपने पाले में लाने का है और इसके लिए 950 करोड़ की कई योजनाएं शुरू की जा रही है. राजस्थान गुजरात और मध्यप्रदेश में दलितों की आबादी काफी होने के कारण बीजेपी यहां कई योपजनाएँ शुरू कर रही है. जिसका लाभ दलितों को मिले और और बीजेपी के पक्ष में दलित खड़े हो सके.
केंद्र सरकार ने सामाजिक न्याय मंत्रालय को 950 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया है. यह फंड इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट और इनकम जनरेशन स्कीमों के लिए दिया गया है. यह बड़ा फंड 8 मंत्रालयों के उस फंड से ट्रांसफर किया गया है, जो उनसे खर्च नहीं हो सका था. माना जा रहा है कि इसके जरिए केंद्र सरकार अनुसूचित जाति समुदाय के लोगों पर खास फोकस कर सकेगी.
खासतौर पर 7 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह फैसला अहम माना जा रहा है. डिवेलपमेंट ऐक्शन प्लान और फॉर शेड्यूल्ड कास्ट्स के तहत 41 मंत्रालयों को अपने कुल बजट के 2 से 20 फीसदी तक के हिस्से को अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए खर्च करना होता है. लेकिन ज्यादातर मंत्रालय ऐसा नहीं कर पाए और कई मंत्रालयों ने अन्य स्कीमों पर ही फंड को खर्च कर दिया. ऐसे में सरकार ने अब 8 मंत्रालयों के बचे हुए 950 करोड़ रुपयों को सामाजिक न्याय मंत्रालय को दिया है. ताकि अनुसूचित जाति वर्ग से जुड़ी स्कीमों पर खर्च किया जा सके.
सरकार की ओर से जिन मंत्रालयों के फंड को ट्रांसफर किया गया है, उनमें पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, वाणिज्य, सड़क एवं परिवहन, खनन, कोयला, खाद्य एवं रसद आपूर्ति, फूड प्रॉसेसिंग और टेलिकॉम मिनिस्ट्री शामिल हैं. ऐसे में वित्त मंत्रालय ने बचे हुए 950 करोड़ रुपये के फंड को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को ट्रांसफऱ करने का फैसला लिया है. यह पहला मौका है, जब वित्त मंत्रालय ने किसी मिनिस्ट्री की बची हुई रकम को सोशल एंड जस्टिस मिनिस्ट्री को ट्रांसफर कर दिया है. 27 जुलाई को ही व्यय विभाग की ओर से इस फैसले को मंजूरी दी गई है.
सूत्रों का कहना है कि इस रकम को खर्च करने के लिए 4 योजनाओं को तय भी कर लिया गया है. इनमें डॉ. अंबेडकर उत्सव धाम योजना भी शामिल है. इसके तहत गांवों में कम्युनिटी हॉल बनाए जाने हैं. एक योजना पीएम अमृत जलधारा है. इसके तहत दलित समुदाय के लोगों की जमीनों पर सिंचाई से जुड़ी सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इसके अलावा दो अन्य स्कीम हैं, जिनमें इस रकम को खर्च किया जाना है.
आने वाले चुनाव में बीजेपी का खेल कितना सार्थक होगा यह देखने की बात है. लेकिन उम्मीद की जा रही है कि बीजेपी को इसका लाभ मिलेगा. हालांकि विपक्षी पार्टियां बीजेपी के इस खेल को समझ रही है और जनता के पास भी जा रही है. लेकिन बीजेपी के इस खेला का कोई तोड़ अभी विपक्ष के पास नहीं है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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