Home देश समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना मीडिया की अहम जिम्मेदारी है: कलीमुल हफ़ीज़

समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना मीडिया की अहम जिम्मेदारी है: कलीमुल हफ़ीज़

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समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखना मीडिया की अहम जिम्मेदारी है: कलीमुल हफ़ीज़

अंज़रूल बारी

देश इस समय बहुत ही संकट के दौर से गुजर रहा है. एक तरफ महंगाई, बेरोजगारी और भुखमरी है और दूसरी तरफ असामाजिक तत्व सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रहे हैं. इसलिए सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में मीडिया को अपनी सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए. यह विचार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्त्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने पत्रकारों के साथ आयोजित इफ्तार समारोह में व्यक्त किए. ये इफ्तार पार्टी एआईएमआईएम की ओर से आयोजित की गई थी.
अपने भाषण के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख कलीमुल हफ़ीज़ ने गोदी मीडिया पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि गोदी मीडिया के तौर तरीके से देश को नुकसान पहुंचा रहा है, यह समाज में नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने और अपनी TRP के चक्कर में दिन-रात खबरों को मसाला लगा कर पेश कर रहा है. देश में बढ़ती गरीबी और बेरोजगारी से इसका कोई लेना-देना नहीं है. अब सोशल मीडिया और यूट्यूब मीडिया से जुड़े पत्रकारों की जिम्मेदारी है कि समाज के सामने सच्चाई पेश करें.
उन्होंने कहा कि मुख्यधारा का मीडिया पूरी तरह से स्वार्थी हो गया है, लेकिन मैं आप सभी को बधाई देता हूं कि आप सब उस झूठ के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं, मैं आपके साहस और धैर्य को सलाम करता हूं. कालीमुल हफीज ने कहा कि फासीवादी ताकतें देश के सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करना चाहती हैं. त्यौहार जो खुशियाँ लाते हैं और उन्हें भी यह भय और आतंक का विषय बनाना चाहती हैं. मुसलमानों को निशाना बनाकर समाचार प्रकाशित किए जा रहे हैं, लेकिन ऐसा करके वो देश को नुकसान पहुँचा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पत्रकार समाज का सबसे सतर्क व्यक्ति होता है. इसलिए समाज को जगाना उसकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है. मजलिस-दिल्ली अपनी वर्तमान सफलता में आप सभी को भागीदार मानती है. आपके प्यार ने मुझे हिम्मत दी है. मुझे आशा है कि आप भविष्य में भी मेरी मदद करते रहेंगे.
इस इफ्तार का आयोजन होटल रिवर व्यू अबुल फजल एन्क्लेव, जामिया नगर में किया गया. इफ्तार में 100 से अधिक मीडियाकर्मियों ने भाग लिया. मीडिया प्रभारी अब्दुल ग़फ़्फ़ार सिद्दीक़ी ने प्रतिभागियों का शुक्रिया अदा किया.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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