Friday, March 29, 2024
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सपा को बड़ा झटका, यूपी विधान सभा से खत्म हुई आजम खान की विधायकी 

  1. यूपी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव को लगातार झटका लगता जा रहा है. पहले पार्टी के संरक्षक और पिता मुलायम सिंह यादव के निधन से अभी वो उबर भी नही पाए थे कि अब सपा के कद्दावर नेता और पार्टी का सबसे बड़ा मुस्लिम चेहरा आजम खान की विधायकी भी खत्म कर दी गई है. ये खिलेश यादव के लिए तो बड़ा नुकसान है ही साथ ही पार्टी के लिए भी बड़ी हानि माना जा रहा है. आजम खान पार्टी को बनाने और आगे बढ़ाने वाले नेताओं में शुमार रहे हैं. सपा की यादव मुस्लिम समीकरण को मजबूत करने में खान की भूमिका बड़ी अहम रही है. खान को हेट स्पीच मामले में दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा मिली है. इसके तुरंत बाद यूपी विधान सभा के स्पीकर ने खान की विधान सभा की सदस्यता रद्द कर दी है. बता दें की 2019 के चुनाव के दौरान आजम खान के खिलाफ हेट स्पीच का मामला दर्ज किया गया था. तब आजम खान ने संवैधानिक संस्थाओं के साथ साथ सीएम योगी और पीएम मोदी के खिलाफ कुछ सख्त बाते कही थी.

बता दें कि पिछले दिनों हेट स्पीच मामले में एमपी -एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने आजम खान पर भड़काऊ भाषण देने, समाज में नफरत फैलाने के मामले में दोषी पाया था और जिसके बाद उन्हें तीन साल की सजा सुना दी गई. हालांकि कोर्ट ने आजम खान को सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने के लिए आठ दिनों की मोहलत दी है. सजा सुनाए जाने के बाद एमपीएमलए कोर्ट ने ही उन्हें नियमों के मुताबिक जमानत भी दे दी. सपा नेता के खिलाफ साल 2017 के बाद दर्ज लगभग 80 मामलों में यह पहला मौका है, जिसमें सजा सुनाई गई है. बाकी सभी मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं.

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मुताबिक अगर सांसदों और विधायकों को किसी भी मामले में 2 साल से ज्यादा की सजा होती है तो उनकी सदस्यता रद हो जाएगी. कोर्ट ने जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) निरस्त कर दिया था. यह धारा आपराधिक मामले में सजायाफ्ता सांसदों, विधायकों के लिए ढाल की तरह थी.

बता दें कि अप्रैल 2019 में दर्ज एफआईआर के अनुसार सपा नेता आजम खां ने अपने भाषण में कहा था कि मोदी जी आपने हिंदुस्तान में ऐसा माहौल बना दिया है जिससे मुसलमानों का जीना दूभर हो गया है. देश के मुसलमान बहुत उमस की जिंदगी गुजार रहे हैं. चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर खड़े प्रत्याशी पर भी उन्होंने अपशब्द कहे थे. कांग्रेस प्रत्याशी के लिए आज़म ने कहा था कि वह सिर्फ मुसलमानों से वोट न मांगे, कुछ हिंदू भाइयों से भी जाकर वोट मांगे. कांग्रेसी सारा दिन मुसलमानों से वोट मांग रहे हैं ताकि मुसलमानों का वोट काटकर बीजेपी को जिता सकें. उन्होंने अपने भाषण में मुसलमानों से अपील की थी कि जो तुम्हे अपशब्द कहते हैं उनसे बदला लो. इसके अलावा आजम खान ने उस समय के रामपुर जिलाधिकारी पर भी अपशब्द कहे थे. आजम खां ने कहा था कि रामपुर में ये कैसा कलेक्टर आया है जो अपने साथ तीन अधिकारी लेकर आया है. एक महीने में इस कलेक्टर ने रामपुर को नरक बना दिया है. दंगा कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. जिलाधिकारी के परिवार वालों के खिलाफ भी आजम खां ने अपशब्द का इस्तेमाल किया था.

बता दें कि लोकसभा चुनाव में भड़काऊ भाषण देने के इन्ही मामले में गवाही पूरी होने के बाद रामपुर एमपी एमएलए कोर्ट ने सपा नेता आजम खां को दोषी भी करार दे दिया है. साथ में तीन साल कैद की सजा भी सुनाई है.

आजम खान उम्र के जिस पड़ाव पर हैं उसमे जेल की सजा अब इनपर भरी पड़ सकती है. मजे की बात है कि देश में कई ऐसे बीजेपी सांसद, विधायक, समर्थक और कथित साधु संत है जो दिन रात समाज को तोड़ने, मुसलमानों को दंडित करने और यहां तक कि गांधी जी को गाली देने की बात खुले रूप से कहते हैं. इनपर पुलिस कोई कारवाई नही करती. आजम खान ने जो कहा है अगर वह संविधान सम्मत नही है तो पिछले दिनों दिल्ली में बीजेपी के सांसद प्रवेश वर्मा मुसलमानों के खिलाफ जो बोल गए उसके खिलाफ कोई कारवाई होगी ? उस नरसिमहानंद को क्या कहेंगे जो दिन रात मुसलमानों के खिलाफ आग उगलता है और गांधी को भी नही छोड़ता.

बता दें कि आजम खान हाल ही में रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने थे. इससे पहले वह रामपुर लोकसभा सीट से सांसद थे. लेकिन 2022 का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सांसदी छोड़ दी थी. उनकी खाली की गई संसदीय सीट पर उप चुनाव हुआ तो सपा को बड़ा झटका लगा और ये सीट बीजेपी के पास चली गई.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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