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सत्ता पक्ष और विपक्ष की सहमति से संसद सत्र एक सप्ताह पहले ही समाप्त

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सत्ता पक्ष और विपक्ष की सहमति से संसद सत्र एक सप्ताह पहले ही समाप्त

संसद का शीतकालीन सत्र तय समय से एक सप्ताह पहले ही शुक्रवार को समाप्त हो गया. जानकारी के मुताबिक़ इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष में सहमति बन गई थी. शीतकालीन सत्र 7 दिसंबर से शुरू हुआ था, इसे 29 दिसंबर को खत्म होना था. लेकिन सरकार का कहना है कि दोनों सदनों की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में सबकी मंजूरी से सत्र जल्दी खत्म करने का फैसला लिया गया. शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में 7 और राज्यसभा में 9 बिल पास हुए. तवांग झड़प काे लेकर विपक्ष सरकार से बहस की मांग पर अड़ा रहा. लेकिन इस पर चर्चा नहीं हुई.

पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च से मिले डेटा के मुताबिक 2020 में हुए बजट सत्र से लेकर अब तक के सभी संसद सत्र तय समय से पहले समाप्त हो गए. छह दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया. शीतकालीन सत्र लगातार 8वां सत्र है, जिसकी अवधि कम की गई.

लोकसभा के दसवें सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं और सदन 68 घंटे 42 मिनट तक चला. लोकसभा में 97% कामकाज हुआ और सत्र के दौरान समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक सहित 7 विधेयक पारित किए गए. राज्यसभा की कार्यवाही 64 घंटे 50 मिनट चली। 102% कामकाज हुआ.

शीतकालीन सत्र के दौरान दोनों सदनों से 9 बिल पारित हुए साथ ही 9 नए बिल पेश हुए. मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी संशोधन बिल और जन विश्वास बिल संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिए गए. अगला सत्र बजट सत्र होगा, जिसके 31 जनवरी से शुरू होने की संभावना है. हालांकि अगला सत्र संसद की पुरानी बिल्डिंग में होगा या नई बिल्डिंग में, इस पर किसी ने कुछ भी नहीं कहा.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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