केंद्र सरकार ने श्रीलंका संकट पर मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है. इसकी जानकारी विदेश मंत्री एस. जयशंकर देंगे.
भारत ने कहा है कि वह श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने हाल ही में कहा था कि वह श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा रहेगा. वह लोकतांत्रिक और संवैधानिक तरीकों के माध्यम से चल रहे संकट के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में है.
भारत ईंधन और राशन आपूर्ति के साथ श्रीलंका की मदद करता रहा है. पिछले हफ्ते, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने श्रीलंका को मदद के लिए 3.8 अरब डॉलर देने का वादा किया था.
श्रीलंका के कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने सोमवार से देशव्यापी आपातकाल की घोषणा की.
विक्रमसिंघे ने पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया के श्रीलंका छोड़ने के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाए गए हैं. विक्रमसिंघे ही नए राष्ट्रपति के चुनाव तक काम काज देखेंगे.
बता दें कि संसद के मानसून सत्र से पहले लोकसभा स्पीकर द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में डीएमके और
एआईएडीएमके ने श्रीलंका में मौजूदा संकट खासकर देश की तमिल आबादी की हालत का मुद्दा उठाया था. इसके बाद केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर एक अलग बैठक मंगलवार को बुलाने का फैसला किया था.