Monday, December 9, 2024
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शिवसेना में दो फाड़, बागी एकनाथ शिंदे विधायक दल के नेता घोषित

 

महाराष्ट्र संकट देश की सारी समस्यायों को निगल गया. अग्निपथ की राजनीति महाराष्ट्र संकट में ख़त्म हो गई. अब सबकी निगाहें महाराष्ट्र पर टिकी हैं. ठाकरे की सरकार बचेगी इसकी सम्भावना कम ही लगती है. बीजेपी के खेल के सामने महाअघाड़ी सरकार में शामिल सभी दल हालांकि सरकार को बचाने के प्रयास में जुटे हैं लेकिन इतना तो साफ़ हो गया है कि शिवसेना के बागी नेता ने सबकी बोलती बंद कर दी है. बीजेपी का यह खेल राष्ट्रपति चुनाव को जीतने के साथ ही देश की आर्थिक राजधानी मुंबई पर कब्ज़ा करने का है. एकनाथ शिंदे के सहारे शिवसेना को ख़त्म करने का बीजेपी का यह खेल लुभावना भी है भ्रामक भी.

महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने खुद को विधायक दल का नेता घोषित कर दिया है. उन्होंने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को एक चिट्ठी भेजी है, जिसमें उनके समर्थन में 37 विधायकों के हस्ताक्षर हैं. शिंदे ने इस चिट्ठी की एक – एक कॉपी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और विधान परिषद के सचिव राजेंद्र भागवत को भी भेजी है. शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने इशारों-इशारों में कह दिया कि उनके पीछे किस महाशक्ति का हाथ है. गुरुवार को गुवाहाटी के होटल रेडिसन में हुई बागी विधायकों ने मीटिंग में शिंदे को अपना नेता घोषित कर दिया. शिंदे दावा कर रहे हैं कि उनके साथ 49 विधायक हैं. देर रात कुछ और विधायक भी गुवाहाटी पहुंचे हैं. कुल मिलाकर शिंदे की शिवसेना मजबूत हो रही है. संभवत: शिंदे आज बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर कोई बड़ा ऐलान करें.

शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने आखिरकार इशारों में बता ही दिया कि उनके पीछे कौन सी महाशक्ति काम कर रही है. उन्होंने समर्थक विधायकों से बताया कि जो कुछ भी सुख-दुख है, वह हम सभी का एक है. चाहे जो कुछ हो जाए, हम सब एकजुट हैं और वह भी हमारे अपने ही हैं. और वो नेशनल पार्टी हैं. वो महाशक्ति हैं. जिन्होंने पूरे पाकिस्तान यानी आप समझ रहे हैं, वहां कौन है. उन्होंने मुझसे कहा है कि तुमने यह जो निर्णय लिया है, वह बहुत ही ऐतिहासिक है. तुम्हारे पीछे हमारी पूरी शक्ति है. यदि कहीं कुछ भी कमी महसूस हुई तो हम वह महसूस नहीं होने देंगे. इस बात का आश्वासन उन्होंने मुझे दिया है

हलाकि एनसीपी चीफ शरद पवार ने गुरुवार को पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग के बाद मीडिया से बात की. उन्होंने कहा कि सरकार बचाने के लिए हर कोशिश करेंगे. बागियों को बड़ी कीमत चुकानी होगी. सरकार बहुमत में है, ये बात तो विधानसभा में तय होगी. उद्धव ठाकरे जी ने कहा है कि मुंबई आकर बात करें बागी. वो मुंबई आएंगे तो सब साफ होगा. हम सरकार बचाने के लिए हर कोशिश करेंगे. अगर वो हमसे भी कहते कि गठबंधन से अलग होना है तो हम अलग भी हो सकते थे. इधर केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने पवार को खुली चुनौती दे डाली. उन्होंने कहा कि बागी विधायक मतदान करने सभागृह में आएंगे, यदि उनका बाल भी बांका हुआ तो ऐसा करने वाले का घर पहुंचना भी मुश्किल हो जाएगा.

उधर, शिवसेना से विधायकों का जाना अभी भी जारी है. पिछले 12 घंटे में शिवसेना के पांच और दो निर्दलीय विधायक महाराष्ट्र से गुवाहाटी पहुंचे. इनमें गुलाबराव पाटील, योगेश कदम, सदा सर्वंकर, योगेश पवार और मंगेश कुलांकर शामिल हैं. बाकी दो विधायक मंजुला गावित और चंद्रकांत पाटिल निर्दलीय हैं. सदा, योगेश और मंगेश गुरुवार सुबह गुवाहाटी की रेडिसन ब्लू होटल पहुंचे. इसके बाद ठाकरे के 3 और विधायक रविन्द्र पाठक, दादाजी भउसे और संजय राठौड़ भी गुवाहाटी पहुंच गए. पहले ये जानकारी सामने आ रही थी कि ये तीनों बागी विधायकों को समझाने गए थे. इसके अलावा गुरुवार देर रात दो अन्य निर्दलीय विधायक किशोर जोडगेवार और गीता जैन भी शिंदे से मिलने गुवाहाटी पहुंचे. इन विधायकों के शिंदे गुट से जुड़ने की खबर है. सूत्रों के मुताबिक बागी विधायकों को गोवा ले जाया जा सकता है, जिसके बाद वहां से परेड कराने के लिए मुंबई राजभवन लाया जाएगा.

शिवसेना में मची भगदड़ के बीच बीजेपी में महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली और असम तक हलचल बढ़ गई है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को बैठक की. सूत्रों के मुताबिक सरकार गठन और आगे की प्रक्रिया को लेकर बीजेपी ने शिंदे को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में 8 कैबिनेट रैंक और 5 राज्य मंत्री रैंक का ऑफर दिया है. साथ ही केंद्र में भी 2 मंत्री पद देने की पेशकश की है. बैठक के बाद फडणवीस दिल्ली रवाना हो गए. उधर, मेघालय के मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा गुवाहाटी में शिवसेना के बागी विधायकों से मिलने होटल में पहुंचे. महाराष्ट्र के कई जगहों पर बीजेपी के कार्यकर्ताओं द्वारा देवेंद्र फडणवीस को CM की शुभकामनाएं देते हुए पोस्टर लगाया गया है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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