Thursday, April 18, 2024
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शिवसेना के विधायकों की अयोग्यता पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 

अखिलेश अखिल

शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है. उधर मुंबई में राजनीतिक हलचल तेज है. कोर्ट का फैसला क्या होगा इससे पहले ही शिवसेना राज्यसभा सांसद संजय राउत ने जो कहा है उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं. राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सोमवार को कहा कि “कानून का हथौड़ा” महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली “अतिरिक्त – संवैधानिक सरकार” पर प्रहार करेगा.

दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए, राउत ने कहा कि शिवसेना का शिंदे के नेतृत्व वाला गुट दिल्ली की “महाशक्ति” में विश्वास करता है, केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकार का एक स्पष्ट संदर्भ है, जबकि उनके समूह का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री कर रहे हैं. उद्धव ठाकरे को न्यायपालिका और संविधान पर भरोसा है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता ने कहा, “तो यह महाशक्ति, और अदालतों और संविधान के बीच (एक प्रतियोगिता) है.”

राउत ने कहा, “भले ही सुनवाई (मामले में) स्थगित हो जाती है, एक तारीख होगी जब कानून का हथौड़ा इस अतिरिक्त संवैधानिक सरकार पर प्रहार करेगा.”

राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उनके समूह को एक फैसले की उम्मीद थी कि शिंदे के नेतृत्व वाली “अतिरिक्त-संवैधानिक” सरकार को एक दिन के लिए भी कार्यालय में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी और अभी भी वही उम्मीद है.

बता दें कि शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों के एक वर्ग ने पिछले साल जून में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिससे महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरा दी गई थी. बाद में, शिवसेना (बालासाहेब) के प्रमुख शिंदे ने भाजपा के समर्थन से मुख्यमंत्री का पद संभाला.

हालांकि कई मसलों को लेकर शिंदे गुट और बीजेपी के नेताओं के बीच भी अनबन की खबरे आ रही है. और एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बातों पर यकीन करें तो महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल पायेगी और जल्द ही चुनाव की सम्भावना बनेगी. ऐसे में दो दिन पहले ही पवार ने चुनाव की तैयारी का ऐलान भी अपने लोगों के बीच किया, और यह भी कहा कि शिंदे और बीजेपी को चुनौती देने के लिए महाघारी मिलकर चुनाव लड़े.

आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सबकी निगाहें टिकी है. शिंदे से लेकर बीजेपी के लोग भी कोर्ट के फैसले का इन्तजार कर रहे हैं, तो ठाकरे गुट की भी निगाहें टिकी हुई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट आज 10 जनवरी को याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई करेगा, जिसमें शिंदे खेमे के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग भी शामिल है.

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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