मशहूर शिक्षाविद और देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद का जिक्र राजनीति विज्ञान की किताब से हटा दिया गया है.
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मशहूर शिक्षाविद्, स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का उल्लेख राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) की कक्षा 11 की राजनीति विज्ञान की किताब से हटा दिया गया है. इसे युक्तिसंगत बनाने के लिए एनसीईआरटी ने अप्रासंगिकता के आधार पर किताबों से गुजरात दंगों, मुगल इतिहास, आपातकाल, शीत युद्ध, नक्सल आंदोलन आदि के कुछ चैप्टर्स को हटा दिया. इस बदलाव का उल्लेख नहीं किया गया था. हालांकि, (NCERT) एनसीईआरटी ने दावा किया है कि इस साल सिलेबस में कोई कमी नहीं की गई है और इसे पिछले साल जून में तैयार किया गया था.
एनसीईआरटी के प्रमुख दिनेश शुक्लानी ने बुधवार को कहा कि यह अनजाने में हुई गलती हो सकती है कि पिछले साल पाठ्यपुस्तक के युक्तिकरण अभ्यास के तहत कुछ हिस्सों को हटाने की घोषणा नहीं की गई थी.
संशोधित लाइनें अब इस तरह से है, ‘जवाहिरलाल नेहरू, राजेंद्र प्रसाद, सरदार पटेल या बीआर अंबेडकर आमतौर पर इन समितियों की अध्यक्षता करते थे.’ इस पुस्तक में यह अनुच्छेद भी हटा दिया गया था, “जम्मू और कश्मीर का भारतीय संघ में विलय संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत आत्मनिर्णय के निर्धारण पर आधारित था.”
गौरतलब है कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा पिछले साल मौलाना आजाद फैलोशिप को भी बंद कर दिया गया था. नए शैक्षणिक सत्र के लिए एनसीईआरटी कक्षा 12 राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तक में ‘देश की सांप्रदायिक स्थिति पर महात्मा गांधी की मृत्यु’ प्रभावी रूप से गांधी की अवधारणा हिंदू-मुस्लिम एकता ने हिंदू कट्टरपंथियों को उकसाया’ और आरएसएस जैसे संगठनों पर एक समय के लिए प्रतिबंध लगाने सहित कई विषयों का उल्लेख नहीं है.