बांग्लादेश की राजधानी ढाका में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में वीज़ो में हुए स्कैंडल पर सऊदी अरब की भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने कहा है कि आंतरिक मंत्रालय से जुड़े दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जिन्होंने एक विदेशी को 23 मिलियन रियाल के भुगतान की घोषणा पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया और 60 हजार रियाल की रिश्वत ली.
सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक, संगठन ने कहा है कि ‘उल्लेखित व्यक्तियों की जांच के बाद पता चला कि यह एक बड़ा समूह है जो बांग्लादेशी श्रमिकों के लिए वीजा के कारोबार में शामिल है.’
“जांच के दौरान एक फ़िलिस्तीनी निवेशक सहित तीन और लोगों को भी गिरफ्तार किया गया.” जिनमें कुछ बांग्लादेशी भी बताए जा रहे हैं. खबर है कि गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों ने स्वीकार किया है कि वो सऊदी दूतावास के दो वरिष्ठ अधिकारियों की मदद से वीज़े के इस कारोबार को अंजाम दे रहे थे.
जांच एजेंसियों द्वारा जब उल्लिखित व्यक्तियों के घरों की तलाशी ली गई, तो वहां से कुल 20 मिलियन से अधिक रियाल नकद, सोने के बिस्कुट और महंगी गाडियां भी जब्त की गई हैं.
उनसे पूछताछ के बाद के 5 और बांग्लादेशी एजेंट्स को भी गिरफ्तार किया गया है, जो आरोपियों के साथ मिलकर इस गोरखधंधे को अंजाम देने में जुटे थे. पूछताछ के दौरान ये भी पता चला है कि बांग्लादेश में काम करने वाले सऊदी राजनयिक इन भ्रष्ट कर्मचारियों के साथ बराबर के शरीक थे.
सऊदी जांच एजेंसी ने वाणिज्य दूतावास मामलों के प्रमुख और पूर्व उप राजदूत अब्दुल्ला फलाह मुझही अल-शमरी और वाणिज्य दूतावास मामलों के उप प्रमुख खालिद नासिर आयज़ अल-क़हतानी को भी गिरफ्तार कर लिया है.
जांच एजेंसियों को पूछताछ के दौरान आरोपियों ने ये भी बताया है कि राजनयिक कर्मचारियों को रिश्वत के रूप में कुल 54 मिलियन रियाल प्राप्त हुए. राजनयिक कर्मचारियों ने यह भी स्वीकार किया कि वीजा लेनदेन के माध्यम से और कभी-कभी सऊदी अरब में रहने वाले किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा विदेश में धन हस्तांतरित किया गया था.
जांच संस्था ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति जो पद का व्यक्तिगत उपयोग करेगा या व्यक्तिगत हित के लिए काम करेगा या राष्ट्रीय संपत्ति को लूटेगा या देश के जनहित को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसके साथ सख्ती से निपटा जाएगा.