Friday, March 29, 2024
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विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को काटनी होगी 175 साल की सजा !

अंज़रूल बारी

एक दशक पहले दुनिया के कई सीक्रेट्स फाइल्स को सार्वजानिक कर सनसनी फैलाने वाले विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को 175 साल की सजा देने की तैयारी चल रही है. असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने की भी कोशिशें हैं.
दरअसल ब्रिटेन की अदालत ने असांजे को इराक और अफगानिस्तान युद्ध से जुड़ी सीक्रेट फाइल्स छापने का दोषी पाया है. कोर्ट ने कहा है कि असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जाए, जहां उन्हें 175 साल जेल की सजा काटनी होगी. अदालत के फैसले के खिलाफ अपील के लिए बचाव पक्ष के पास 18 मई तक का समय है. कोर्ट का ये आदेश ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगा. प्रीति पटेल अगर असांजे के प्रत्यर्पण को मंजूरी देती हैं तो असांजे के वकील इस फैसले को चुनौती देने के लिए ब्रिटेन की हाई कोर्ट का रूख कर सकते हैं.
गौरतलब है कि अमेरिका जूलियन असांजे पर अफगानिस्तान-इराक युद्ध के दौरान चले सैन्य ऑपरेशन से जुड़ी 50 हजार सीक्रेट फाइल्स को सार्वजनिक करने के आरोप में उनपर मुकदमा चलाना चाहता है. असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित करने को लेकर अमेरिका पिछले कई सालों से ही कोशिश कर रहा है. पिछले साल फरवरी में असांजे के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी थी कि अगर असांजे को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जाता है और उन्हें कड़ी सुरक्षा वाली जगह पर रखा जाता है तो वो आत्महत्या कर सकते हैं. इसके जवाब में अमेरिकी सरकार ने कहा कि असांजे को अलगाव की सजा नहीं दी जाएगी और उनका पूरा ध्यान रखा जाएगा.
इससे पहले पिछले महीने असांजे को ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिका प्रत्यर्पण करने के खिलाफ अपील दायर करने की अनुमति नहीं दी थी. असांजे के वकील बर्नबर्ग पीयर्स सॉलिसिटर ने दलील दी थी कि असांजे को अमेरिका में जीवन भर जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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