Sunday, October 6, 2024
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राहुल गांधी मोदी को चुनौती देंगे, लेकिन पीएम चेहरे का फैसला विपक्षी पार्टियां करेंगी

पीटीआई भाषा को दिए गए एक खास इंटरव्यू में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खड़गे के बयान पर संशोधन करते हुए कहा कि राहुल गांधी में वो पूरा दमखम है कि वह अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दे सकें, लेकिन चेहरे का फैसला तमाम विपक्षी पार्टियां मिलकर करेंगी. कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने पिछले दिनों कहा था कि राहुल के नेतृत्व में केंद्र में कांग्रेस सरकार बनाएगी. खड़गे के बयान के बाद कई तरह के बहस शुरू हो गए थे.

गहलोत ने यह भी कहा कि राहुल गांधी हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनावों में प्रचार करें या नहीं करें, लेकिन वह जिन मुद्दों को लेकर भारत जोड़ो यात्रा पर निकले हैं. वो आम जनता से जुड़े है और उनका संदेश घर-घर तक पहुंच रहा है. गहलोत ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की राजनीति अलग तरह की है और वो प्रधानमंत्री को हमेशा चुनौती देने के काबिल है. लेकिन बीजेपी और गोदी मीडिया ने उन्हें बदनाम किया और कमतर आंकने का काम किया.
गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक गहलोत ने कहा कि आम आदमी पार्टी लोगों को भ्रमित कर रही है, लेकिन गुजरात में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी. उन्होंने यह दावा भी किया कि कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है. गहलोत ने कहा, दोनों राज्यों में सरकार विरोधी लहर है. कांग्रेस तेज गति से आगे बढ़ रही है. हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान होने वाला है. मुझे विश्वास है कि कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी.

उनका कहना था कि, गुजरात में अभी चुनाव की घोषणा हुई है. हमारी वहां पांच यात्राएं निकली हैं, जो 175 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी हैं. मुझे उम्मीद है कि हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे. गुजरात में आम आदमी पार्टी के असर से जुड़े सवाल पर राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा कि, “आम आदमी पार्टी सिर्फ लोगों को भ्रमित कर रही है. मीडिया को उसने कैप्चर कर रखा है. इसके अलावा कुछ नहीं है.”

बता दें कि हिमाचल प्रदेश की सभी 68 सीटों पर 12 नवंबर को मतदान होगा. गुजरात की कुल 182 विधानसभा सीटों में से पहले चरण में 89 सीटों पर एक दिसंबर को चुनाव होगा. जबकि बाकी बची 93 सीटों पर पांच दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. दोनों राज्यों में वोटों की मतगणना 8 दिसंबर को होगी.

इन विधानसभा चुनावों में राहुल गांधी के प्रचार नहीं करने से संबंधित सवाल पर गहलोत ने कहा कि, “राहुल गांधी कई राज्यों में नहीं जा पा रहे हैं. क्योंकि उनकी यात्रा का एक रूट बना हुआ है. बिना किसी कारण इसे मुद्दा बनाने का प्रयास हो रहा है, लेकिन वो मुद्दा नहीं बनेगा. राहुल गांधी का जो उद्देश्य है, वो कामयाब हो रहा है.”
गहलोत के अनुसार, महंगाई और बेरोजगारी समाप्त हो, और देश में भाईचारा हो, यही राहुल गांधी की यात्रा का मकसद है. उनका संदेश घर-घर पहुंच रहा है. साथ ही, उन्होंने कहा कि, “गुजरात में प्रचार के लिए राहुल गांधी की बहुत मांग है, लेकिन वह एक लंबी यात्रा पर निकले हैं. वह जाएं या न जाएं, लेकिन वो जिन मुद्दों को लेकर चल रहे हैं, वही जनता के मुद्दे हैं.”

Anzarul Bari
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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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