Home ताज़ातरीन यूरोपीय संसद द्वारा उठाया गया कदम ईरानी राष्ट्र और शासन के खिलाफ संयुक्त युद्ध: राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी

यूरोपीय संसद द्वारा उठाया गया कदम ईरानी राष्ट्र और शासन के खिलाफ संयुक्त युद्ध: राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी

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यूरोपीय संसद द्वारा उठाया गया कदम ईरानी राष्ट्र और शासन के खिलाफ संयुक्त युद्ध: राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी

ईरान ने कहा है कि यूरोपीय संसद द्वारा उठाया गया कदम ईरानी राष्ट्र और शासन के खिलाफ एक संयुक्त युद्ध का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स, ईरानी सेना और हमारे डिफेंस का एक अहम हिस्सा है.

समाचार एजेंसियों के अनुसार, देश के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक ईरान के राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहिम रईसी द्वारा आयोजित की गई थी. जिसमें न्यायपालिका के प्रमुख गुलाम हुसैन मोहसेनी अज़हाई और संसद के स्पीकर मोहम्मद बाकिर कलीबाफ शरीक रहे. इस दौरान देश के हालात और अहम मुद्दों की समीक्षा की गई.

ईरान के शीर्ष अधिकारियों ने यूरोपीय संघ के हालिया कदम को ईरानी राष्ट्र और इस्लामी शासन के खिलाफ एक संयुक्त युद्ध का हिस्सा करार दिया. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स पिछले 40 सालों से ईरान की सेना और रक्षा बल का एक अहम हिस्सा रहा है. जिसने एक लंबे समय तक ईरान की रक्षा में उत्कृष्ट रिकॉर्ड के साथ अपनी अहम सेवाएं दी हैं.

उन्होंने इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स के खिलाफ यूरोपीय संघ की हालिया कार्रवाइयों की कड़ी निंदा की. इन आला अधिकारियों ने यूरोपिय संसद के कदम को ईरानी राष्ट्र और शासन के खिलाफ संयुक्त युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया. उन्होंने दुश्मनों की हार और उनकी नाकामी की ओर इशारा किया और मीडिया, मनोवैज्ञानिक और आर्थिक युद्ध में ईरानियों की जागरूकता, इस्लामी क्रांति के समर्थन और इस्लामी व्यवस्था की उपलब्धियों पर भी जोर दिया. इस बैठक में देश के विकास से जुड़े योजनाओं पर तेज़ी से अमल करने पर भी खास दबाव डाला गया.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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