Home ताज़ातरीन यूएई के राजदूत डॉ.अब्दुल नासर अल शआली ने राष्ट्रपति मुर्मू से की मुलाकात, रिश्तों की मजबूती और व्यापारिक साझेदारी पर हुई बात

यूएई के राजदूत डॉ.अब्दुल नासर अल शआली ने राष्ट्रपति मुर्मू से की मुलाकात, रिश्तों की मजबूती और व्यापारिक साझेदारी पर हुई बात

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यूएई के राजदूत डॉ.अब्दुल नासर अल शआली ने राष्ट्रपति मुर्मू से की मुलाकात, रिश्तों की मजबूती और व्यापारिक साझेदारी पर हुई बात

भारत में संयुक्त अरब अमीरात के राजदूत डॉ. अब्दुल नासर अल शआली ने राष्ट्रपति भवन द्वारा आयोजित एक समारोह में सोमवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को अपने क्रिडेंशियल पेश किए.

इस दौरान डॉ. अल शआली ने राष्ट्रपति मुर्मू को यूएई के राष्ट्रपति हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान, यूएई के उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री और दुबई के शासक हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के बधाई संदेश पेश किए. साथ ही उनकी ओर से देश में समृद्धि और भविष्य में भारत के विकास के लिए नेक ख्वाहिशात पेश कीं.

राष्ट्रपति मुर्मू ने भी अपनी ओर बधाई देते हुए यूएई के शासकों, नेताओं और जनता को नेक ख्वाहिशात दीं, साथ ही यूएई और उसकी जनता के लिए भविष्य में विकास और विकास की कामना भी की. राष्ट्रपति मुर्मू ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में यूएई के राजदूत की सफलता की भी कामना की, साथ ही अपने कर्तव्यों को पूरा करने में आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए अपने देश की तत्परता पर भी ज़ोर दिया है.

राजदूत डॉ. अल शआली ने भारत में यूएई का प्रतिनिधित्व करने पर खुशी का इजहार किया और रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाने की अपनी इच्छा को ज़ाहिर किया. बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने आपसी आकांक्षाओं की प्राप्ति के लिए द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.

 

बता दें कि भारत और यूएई के बीच ऐतिहासिक, घनिष्ठ संबंध पिछले कुछ वर्षों में एक मजबूत व्यापारिक साझेदारी में बदले हैं, जिससे यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है. व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) भारत और संयुक्त अरब अमीरात में कई व्यावसायिक क्षेत्रों के लिए लाभ उठाने का एक अवसर है. 2021 के अनुसार, भारत-यूएई गैर-तेल व्यापार 44.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और सीईपीए के माध्यम से 2027 तक द्विपक्षीय गैर-तेल व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाना चाहता है.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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