![यशवंत सिन्हा ने कहा, राष्ट्रपति भवन पहुंचा तो एनआरसी – सीएए कानून लागू नहीं होगा यशवंत सिन्हा ने कहा, राष्ट्रपति भवन पहुंचा तो एनआरसी – सीएए कानून लागू नहीं होगा](https://freejournalmedia.in/wp-content/uploads/2022/07/IMG-20220714-WA0002.jpg)
देश में राष्ट्रपति चुनाव काफी मनोरंजक हो गया है. पहले राष्ट्रपति चुनाव लड़ने वाले अधिकतर उम्मीदवार प्रायः मौन ही रहते थे, सरकार के काम काज पर कोई सवाल नहीं उठाते थे. लेकिन अब ऐसा नहीं रहा. विपक्ष के राष्ट्रपति कैंडिडेट यशवंत सिन्हा ने चुनाव प्रचार के दौरान बड़ा ऐलान किया है. बुधवार को असम दौरे पर पहुंचे सिन्हा ने कहा कि अगर मैं राष्ट्रपति भवन पहुंचा, तो मोदी सरकार का सीएए – एनआरसी कानून लागू नहीं होने दूंगा. सिन्हा ने आगे कहा कि देश में संविधान पर आक्रमण किया जा रहा है. संविधान को बाहरी ताकतों से नहीं बल्कि सत्ता में बैठे लोगों से खतरा है. इसे रोकने के लिए सबको आगे आना होगा. उन्होंने कहा कि मैं अंतिम सांस तक सीएए कानून के खिलाफ लड़ूंगा.
सीएए कानून को लेकर राष्ट्रपति कैंडिडेट सिन्हा ने कहा कि यह मूर्खतापूर्ण तरीके से लागू किया गया है. सरकार इसी वजह से लागू नहीं कर पा रही है और सिर्फ बहाना दे रही है. सिन्हा ने कहा कि असम और पूर्वोत्तर भारत के लिए यह एक अहम मुद्दा है और मुझे उम्मीद है सभी समझेंगे.
बता दें कि सीएए के तहत पाक, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को नागरिकता दी जाएगी. जो 31 दिसंबर 2014 से पहले आ गए हैं, उन्हें नागरिकता मिलेगी. नागरिकता पाने के लिए अब 11 साल रहने के नियम में भी ढील दी गई है.
पूर्वोत्तर में लोगों को लग रहा है कि शरणार्थियों को नागरिकता मिलने से उनकी अपनी संस्कृति और पहचान खत्म हो जाएगी. मुस्लिमों का कहना है कि सीएए में मुस्लिम शरणार्थियों को न जोड़ना भेदभाव है. और मुस्लिम इसे एनआरसी से जोड़कर देख रहे हैं. भय है कि एनआरसी हुई तो गैर-मुस्लिमों को नागरिकता मिलेगी. इन्हें परेशानी होगी. ऐसे में यशवंत सिन्हा के बयान को काफी महत्वपूर्ण मान जा रहा है.
बता दें कि किसी कानून के नियम 6 माह के भीतर प्रकाशित हो जाने चाहिए ताकि उस कानून पर अमल हो सके. सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी सीएए संसद से 11 दिसम्बर, 2019 को पारित हुआ. अधिनियम 10 जनवरी 2020 को लागू हो गया. लेकिन इसके नियम तय नहीं किए गए. नियम तय करने के लिए केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2020, फरवरी 2021 और मई 2021 में संसद की सबोर्डिनेट लेजिसलेशन कमेटियों से एक्सटेंशन मांगे. हालांकि, इसी साल मई में गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया कि कोरोना खत्म होने के बाद लागू किया जाएगा.
उधर एक और सवाल के जबाव में सिन्हा ने कहा कि उद्धव ठाकरे शिवसेना को बचाने में जुटे हैं. इसलिए उन्होंने द्रौपदी मुर्मू को सपोर्ट किया है. ममता बनर्जी को लेकर उन्होंने कहा कि उनका पूरा सपोर्ट है और वोटिंग के दिन सब दिख जाएगा.