Home ताज़ातरीन मोहन भगवत ने कहा भारत एक बहुभाषी देश, हिंसा से किसी का भला नहीं

मोहन भगवत ने कहा भारत एक बहुभाषी देश, हिंसा से किसी का भला नहीं

0
मोहन भगवत ने कहा भारत एक बहुभाषी देश, हिंसा से किसी का भला नहीं

अंज़रूल बारी

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सिंधी भाषा और संस्कृति के अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए देश में एक सिंधी विश्वविद्यालय स्थापित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करते हुए कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है और प्रत्येक भाषा का अपना एक महत्व है. भागवत अमरावती के पास भानखेड़ा रोड पर कंवरराम धाम में संत कंवरराम के प्रपौत्र साईं राजलाल मोरदिया के ‘गद्दीनशीनी’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. समारोह में अमरावती जिले और देश के विभिन्न हिस्सों से सिंधी समुदाय के सैकड़ों सदस्य शामिल हुए थे.
भगवत ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए यह भी कहा कि हिंसा से किसी को भी लाभ नहीं होता है. उन्होंने कहा कि सभी समुदायों को एक साथ लाने और मानवता की रक्षा की आवश्यकता की जरूरत है. भागवत का यह बयान देश के कई हिस्सों में विभिन्न समूहों के बीच हालिया झड़पों की पृष्ठभूमि में आया है. भगवत ने कहा कि जिस समाज को हिंसा प्रिय है वह अब अपने अंतिम दिन गिन रहा है. हमें हमेशा अहिंसक और शांतिप्रिय होना चाहिए. इसके लिए सभी समुदायों को एक साथ लाना और मानवता की रक्षा करना आवश्यक है. हम सभी को इस काम को प्राथमिकता के आधार पर करने की जरूरत है.
आरएसएस नेता भावगत की यह टिप्पणी बीजेपी शासित मध्य प्रदेश और गुजरात सहित लगभग आधा दर्जन राज्यों में रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव समारोह के दौरान सांप्रदायिक झड़पों की पृष्ठभूमि में आयी है. यह उल्लेखित करते हुए कि सिंधी समुदाय ने देश के विकास में भरपूर योगदान दिया है. भागवत ने सिंधी संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने और संरक्षित करने के लिए एक सिंधी विश्वविद्यालय की आवश्यकता पर बल दिया. आरएसएस नेता ने कहा कि कुछ सिंधी भाई अपने धर्म और जमीन की रक्षा के लिए पाकिस्तान में रुक गए थे और कई लोग जमीन की कीमत पर अपने धर्म की रक्षा के लिए भारत आये.

Previous article दक्षिण के राज्यों में उठा फिर से हिंदी भाषा का विवाद
Next article शाही इमाम जामा मस्जिद अहमद बुखारी ने पीएम और गृह मंत्री से मांगा मिलने का समय
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here