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मोदी सरकार ने पेश किया विज्ञापन पर खर्च के आंकड़े 

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मोदी सरकार ने पेश किया विज्ञापन पर खर्च के आंकड़े 

मोदी सरकार ने लोकसभा में इस बात को लेकर आंकड़ें पेश किए हैं कि 2014 से प्रत्येक मंत्रालय द्वारा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विज्ञापनों के लिए कितने रुपये खर्च किए गए हैं.

विपक्षी दल मोदी सरकार पर काम से ज्यादा प्रचार करने का आरोप लगाते रहे हैं. सरकार द्वारा विज्ञापनों पर खर्च की गई राशि को लेकर मोदी सरकार ने आंकड़ें जारी किए हैं.

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया के तमिलनाडू के नागापत्तिनाम ने सांसद एम् सेल्वारासु ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से एक पूछा था कि साल 2014 से प्रत्येक मंत्रालय द्वारा प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विज्ञापनों के लिए कितने रुपये खर्च किए गए. साथ ही यह भी पूछा गया कि विदेशी मीडिया में प्रचार के लिए कितने रुपये खर्च किए गए.

लोकसभा में इसका जवाब देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि साल 2014 से लेकर अब तक सरकार विज्ञापनों पर कितना खर्चा कर चुकी है.

 

वित्तीय वर्ष खर्च (करोड़ में)

प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया

2014-15 424.84 473.67

2015-16 508.22 531.60

2016-17 468.53 609.15

2017-18 636.09 468.92

2018-19 429.55 514.28

2019-20 295.05 317.11

2020-21 197.49 167.98

2021-2022 197.04 101.24

2022-2023 91.96 76.84

(7 दिसंबर 2022 तक)

 

केंद्रीय मंत्री ने यह भी जानकारी दी है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से विदेशी मीडिया को कोई भी विज्ञापन नहीं दीए गए हैं.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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