Saturday, April 20, 2024
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मूडीज़ रिपोर्ट : भारत का आर्थिक विकास दर अनुमान से कम रहेगा 

इंटरनेशनल रेटिंग एजेसी मूडीज़ ने 2022 के लिए भारत के आर्थिक विकास के अनुमान को 7.7 प्रतिशत से घटाकर 7.0 प्रतिशत कर दिया है. मूडीज की यह नई रेटिंग इस वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि पूर्वानुमानों में हालिया कटौती की एक श्रृंखला का अनुसरण करती है. बता दें पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने 2022 में भारत के आर्थिक विकास के अपने अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया था.

एजेंसी ने अपने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2023-24 में कहा, “भारत के लिए, 2022 के वास्तविक जीडीपी विकास अनुमानों को 7.7 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है. नीचे की ओर संशोधन उच्च मुद्रास्फीति, उच्च ब्याज दरों और धीमी वैश्विक विकास को मानता है, जो पहले की अपेक्षा से अधिक आर्थिक गति को कम कर देगा.”

मूडीज के मुताबिक 2023 में विकास दर और धीमी होकर 4.8 प्रतिशत हो जाएगी और फिर 2024 में लगभग 6.4 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी. भारत 2021-22 के वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2021 से मार्च 2022) में 8.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार मुद्रास्फीति, सख्त मौद्रिक नीति, राजकोषीय मुद्दों, भू-राजनीतिक विकास और वित्तीय बाजार की अस्थिरता के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था मंदी के कगार पर है.

मूडीज के मुताबिक 2023 वैश्विक विकास में मंदी देखने को मिलेगी, जो कि 2024 तक जारी रहेगा. फिर भी, अगर सरकारें और केंद्रीय बैंक मौजूदा कठिनाइयों के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्थाओं का मार्गदर्शन करने में सक्षम रहीं तो 2024 तक सापेक्ष स्थिरता की अवधि भौतिक हो सकती है.

दरअसल, पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 2022 में भारत के आर्थिक विकास के अपने अनुमान को 7.4 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया, क्योंकि यह अन्य वैश्विक एजेंसियों के साथ अपने पूर्वानुमानों को कम करने में शामिल हो गया था. फिर भी, कटौती के बावजूद, भारत दुनिया की सबसे बड़ी बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है.

हालांकि बिगड़ते इकॉनोमी को और कम किया जा सकता है. क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आने वाले महीनों में और गिरावट की संभावना को बढ़ा देती है. विकास के दृष्टिकोण में हालिया गिरावट भारत तक सीमित नहीं है. वैश्विक अर्थव्यवस्था और अन्य प्रमुख देशों के लिए भी भविष्यवाणियां घटा दी गई हैं, कुछ प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में एकमुश्त मंदी की आशंका है.

Anzarul Bari
Anzarul Bari
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.
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