Home पॉलिटिक्स मिशन 2024 : केसीआर की नीतीश के साथ बैठक पर टिकी देश की निगाहें 

मिशन 2024 : केसीआर की नीतीश के साथ बैठक पर टिकी देश की निगाहें 

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मिशन 2024 : केसीआर की नीतीश के साथ बैठक पर टिकी देश की निगाहें 

 

बिहार राजनीति का केंद्र बनता जा रहा है. पटना में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. गठबंधन की सरकार बनने के बाद अब बिहार में केंद्रीय राजनीति पर बहस तेज है. एक ओर गृहमंत्री दो दिवसीय प्रवास पर बिहार आ रहे हैं. तो दूसरी ओर दक्षिण भारत के कद्दावर नेता और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर कल यानी 31 अगस्त को पटना पहुंच रहे हैं. केसीआर की यहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के साथ मुलाकात होगी.

एक ओर जहां अमित शाह बिहार में 35 सीटों पर कब्जा बनाये रखने की रणनीति का खुलासा करेंगे, वहीं दूसरी ओर विपक्ष 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने की रणनीति तैयार करेगा. कल की बैठक के बाद इस बात को लेकर भी तस्वीर थोड़ी साफ होने की उम्मीद है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार की भूमिका क्या होगी ?

तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर लंबे समय से विपक्षी एकता के लिए प्रयास कर रहे हैं. कुछ माह पहले वो पश्चिम बंगाल की सीएम, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से भी मुलाकात कर चुके है. ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल रंग लाने लगी है. 31 अगस्त को तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर पटना आएंगे. पटना पहुंचने के बाद वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे. वो लालू प्रसाद से भी बात करेंगे.

केंद्र की सत्ता से बीजेपी को उखाड़ फैंकने के लिए मुख्यमंत्री के. सी.आर बराबर पूरे देश में विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने में लग गए हैं. पिछले दिनों उनकी कई नेताओं से फोन पर बातचीत भी हुई थी. 2024 में बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दल को एकजुट करने के मिशन में सीएम के.सी.आर की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं.

उधर बिहार में बीजेपी से अलग होने के तुरंत बाद सीएम नीतीश कुमार ने घोषणा करते हुए यह कहा था कि वह पूरे देश में विपक्षी दलों को साल 2024 के लोकसभा चुनाव में के लिए एकजुट करेंगे और केंद्र की सत्ता से बीजेपी को उखाड़ फेकेंगे. अब नीतीश कुमार और तेलंगाना के सीएम के.सी.आर की बीजेपी के खिलाफ चल रही मुहिम जल्द ही अपना रंग दिखाती नजर आएगी.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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