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मनी लाउंड्रिंग के आरोप में आईएएस पूजा सिंघल गिरफ्तार, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

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मनी लाउंड्रिंग के आरोप में आईएएस पूजा सिंघल गिरफ्तार, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट

अखिलेश अखिल

ईडी ने झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को मनी लाउंड्रिंग के आरोप में बीती देर शाम में गिरफ्तार कर लिया. इडी द्वारा गिरफ्तार की जाने वाली वह झारखंड की पहली आइएएस अधिकारी हैं. गिरफ्तारी की वजह उनके द्वारा आईसीआईसीआई बैंक के खाते में जमा नकद करीब एक करोड़ रुपये की राशि का हिसाब देने में असमर्थ होना है. गिरफ्तारी के बाद उन्हें ईडी के विशेष जज पीके शर्मा के समक्ष पेश किया गया. बता दें कि सिंघल के सीए के आवास से 19 करोड़ की नकदी भी मिली है.
ईडी ने 12 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने पांच दिन की ही रिमांड दी. इसके बाद पूजा सिंघल को केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया. इस बीच मनरेगा घोटाले में ईडी की कार्रवाई के मद्देनजर केंद्र ने मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है. सीए सुमन कुमार से पूछताछ के दौरान मिली सूचना पर ईडी ने कोलकाता में भी बिल्डर के ठिकानों पर छापा मारा.
झारखंड के खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान ईडी ने विभिन्न बैंकों से पूजा सिंघल के बैंक खातों और उसमें जमा राशि का ब्योरा मांगा था. बैंकों से मिली जानकारी के विश्लेषण के बाद ईडी ने यह पाया कि उनके आईसीआईसीआई बैंक के खाते में एक करोड़ रुपये नकद जमा हुए थे. इस जमा राशि में उन्होंने 80.48 लाख की लागत पर 13 बीमा पॉलिसी खरीदी थी.
इसके बाद सीए सुमन कुमार और उससे संबंधित खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया. उन्होंने 26 मई 2015 को सुमन कुमार के खाते में 3.96 लाख रुपये ट्रांसफर किये. सुमन और उसके पिता की साझेदारीवाली कंपनी संतोष क्रशर मेटल के खाते में 6.39 लाख और राधेश्याम एक्सप्लोसिव प्राइवेट लिमिटेड के खाते में 6.22 लाख रुपये ट्रांसफर किये. ईडी ने 10 मई को पूछताछ के दौरान उनसे उनके बैंक खातों में जमा नकद राशि से संबंधित सवाल पूछे थे.
साथ ही उनके खातों में नकद राशि जमा करने वालों का ब्योरा मांगा था. 10 मई को पूजा सिंघल ने तत्काल इसका ब्योरा देने में असमर्थता जतायी थी. उन्हें इसी मुद्दे पर अपना पक्ष पेश करने के लिए 11 मई का समय दिया गया था. 11 मई को करीब 10.30 बजे वह ईडी कार्यालय में हाजिर हुई. उनसे लंबी पूछताछ की गयी. हालांकि वह बैंक खाते में जमा नकद राशि का ब्योरा देने में असमर्थ रहीं. फिर ईडी ने उन्हें करीब 5.30 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

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