Home ताज़ातरीन मणिपुर दौरे पर रवाना हुआ ‘INDIA’ का डेलिगेशन

मणिपुर दौरे पर रवाना हुआ ‘INDIA’ का डेलिगेशन

0
मणिपुर दौरे पर रवाना हुआ ‘INDIA’ का डेलिगेशन

नई दिल्ली 29 जुलाई: नए बने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ के 21 सांसदों पर आधारित डेलिगेशन मणिपुर दौरे के लिए दिल्ली से रवाना हो गया है. दो दिन रह कर सभी नेता वहां रिलीफ कैंप में रह रहे हिंसा प्रभावित लोगें से मुलाकात करेंगे. रवानगी से पूर्व इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री शायद मणिपुर को भूल गए हैं लेकिन हम नहीं भूले हैं इसलिए हम पीड़ितों के बीच जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘यह सही है कि हिंसा प्रभावित जगहों पर जाना हमारे लिए मुश्किल है, लेकिन हम राज्य में जारी हिंसा से प्रभावित लोगों से राहत कैंप में जाकर मुलाकात करेंगे. हम यह देखेंगे कि हिंसा से प्रभावित हुए लोगों के लिए सरकार आखिर क्या कर रही है. हम संसद में मणिपुर के लोगों की बात रख सकें इसलिए हम वहां जा रहे हैं.’

लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम लोग मणिपुर का दुख और पीड़ा जानने जा रहे हैं. मणिपुर का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है. मणिपुर में जातीय दंगा हो रहा है. दूसरे राज्य भी इसमें शामिल हो रहे है. सरकार मणिपुर को लेकर सीरीयस नहीं है. उन्होंने कहा ‘मुझे लगता है की बहुत जगह हम लोगों को जाने भी नहीं दिया जायेगा. सरकार मणिपुर पर बहुत कुछ छुपा रही है’.

इस बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि जो लोग जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए हैं और आवश्यक कार्रवाई करने की जिनकी जवाबदेही है वो बेहतर ढंग से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों का हाथ होने से इनकार नहीं किया, उन्होंने कहा कि यह बात सिर्फ मैं ही नहीं कह रहा हूं. जनरल नरवणे ने विभिन्न विद्रोही समूहों को चीनी सहायता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता समग्र राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छी बात नहीं है.

याद रहे कि विपक्षी दलों की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के अंदर आ कर मणिपुर हिंसा पर बयान दें और सरकार मामले पर रुल 267 के तहत सदन में चर्चा करे. जबकि केंद्र सरकार का कहना है कि सरकार और प्रधानमंत्री मोदी संसद के दोनों सदन में मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है. सरकार चाहती है कि सदन में यह चर्चा रुल 176 के तहत हो, जिस को लेकर सदन में गतिरोध बना हुआ है.

Previous article कांग्रेस शासित प्रदेशों में पार्टी सुनिश्चित करे समान और समग्र विकास के अवसर, खरगे से मुलाकात में IMCR प्रमुख ने रखी मांग
Next article झारखंड: हाईटेंशन तार की चपेट में आया ताज़िया, 13 झुलसे, 4 की मौत
पिछले 23 सालों से डेडीकेटेड पत्रकार अंज़रुल बारी की पहचान प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में एक खास चेहरे के तौर पर रही है. अंज़रुल बारी को देश के एक बेहतरीन और सुलझे एंकर, प्रोड्यूसर और रिपोर्टर के तौर पर जाना जाता है. इन्हें लंबे समय तक संसदीय कार्रवाइयों की रिपोर्टिंग का लंबा अनुभव है. कई भाषाओं के माहिर अंज़रुल बारी टीवी पत्रकारिता से पहले ऑल इंडिया रेडियो, अलग अलग अखबारों और मैग्ज़ीन से जुड़े रहे हैं. इन्हें अपने 23 साला पत्रकारिता के दौर में विदेशी न्यूज़ एजेंसियों के लिए भी काम करने का अच्छा अनुभव है. देश के पहले प्राइवेट न्यूज़ चैनल जैन टीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर शो 'मुसलमान कल आज और कल' को इन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया, टीवी पत्रकारिता के दौर में इन्होंने देश की डिप्राइव्ड समाज को आगे लाने के लिए 'किसान की आवाज़', वॉइस ऑफ क्रिश्चियनिटी' और 'दलित आवाज़', जैसे चर्चित शोज़ को प्रोड्यूस कराया है. ईटीवी पर प्रसारित होने वाले मशहूर राजनीतिक शो 'सेंट्रल हॉल' के भी प्रोड्यूस रह चुके अंज़रुल बारी की कई स्टोरीज़ ने अपनी अलग छाप छोड़ी है. राजनीतिक हल्के में अच्छी पकड़ रखने वाले अंज़र सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और अंतरराष्ट्रीय खबरों पर अच्छी पकड़ रखते हैं साथ ही अपने बेबाक कलम और जबान से सदा बहस का मौज़ू रहे है. डी.डी उर्दू चैनल के शुरू होने के बाद फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यूज़ पर आधारित स्पेशल शो 'फिल्म की ज़बान उर्दू की तरह' से उन्होंने खूब नाम कमाया. सामाजिक हल्के में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले अंज़रुल बारी 'इंडो मिडिल ईस्ट कल्चरल फ़ोरम' नामी मशहूर संस्था के संस्थापक महासचिव भी हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here